नई दिल्ली. नोट बंदी और बैंको के हर बार ट्रांजेक्शन पर चार्जेस लगने वाले अनुभवो के बाद अगर कोई राहत की खबर आये तो ऐसा लगेगा की किसी ने जीवन दान दे दिया हो. नोट बन्दी के बाद सरकार ने घोषणा की थी की 31 मार्च तक पुराने नोट बदले जा सकेंगे. किन्तु ऐसा हुआ नही जो की बहुत बड़ी परेशानी का सबब बन गया. इस मामले में नई खबर आई है कि सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर आरबीआई से जवाब माँगा है कि वह लोगो को पुराने नोट जमा करने कि अनुमति क्यों नहीं दे रही है.
चीफ जस्टिस जे एस खेहार कि बेंच ने शुक्रवार को इस मामले में जवाब मांग है, सरकार ने कहा था कि 31 दिसंबर तक पुराने नोट बैंको में बदले जा सकेंगे और इसके बाद 31 मार्च तक आरबीआई की कुछ ब्रांच में भी नोट की बदली हो पायगी किन्तु ऐसा हो नहीं पाया और लोगो को खाली हाथ लौटना पड़ा.
चीफ जस्टिस जे एस खेहार की बेंच ने आरबीआई की आखरी नोटिस पर भी अपना ध्यान लगाया जिस के अनुसार नोट बदलने की अनुमति सिर्फ उन लोगो को मिलेगी जो 8 नवम्बर से 31 दिसंबर तक देश से बहार रहे हो, किन्तु यह पूर्णतः आश्वासन का उल्लंघन है.
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