क्या अब भी केजरीवाल को 'झूठा' नहीं कह सकते..? यमुना में जहर का दावा हुआ फुस्स..! Video

क्या अब भी केजरीवाल को 'झूठा' नहीं कह सकते..? यमुना में जहर का दावा हुआ फुस्स..! Video
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नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में आरोप लगाया था कि भाजपा सरकार ने यमुना नदी में जहर मिलाया है, ताकि दिल्ली के लोग उसे पीकर मर जाएं। केजरीवाल ने कहा था कि इस बात की पुष्टि दिल्ली जल बोर्ड (DJB) ने भी की है. किन्तु अब दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले दिल्ली जल बोर्ड (DJB) ने ही केजरीवाल के इस झूठे दावे की हवा निकाल दी है . 

 

DJB ने स्पष्ट किया है कि यमुना में कोई जहर नहीं पाया गया है। DJB ने इस आरोप को पूरी तरह से नकारा किया, और दिल्लीवालों को यह विश्वास दिलाया कि पानी सुरक्षित है। इसके बाद, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस मुद्दे को चुनौती देते हुए यमुना के पानी का एक घूंट पीने का वीडियो जारी किया। सैनी ने यह वीडियो साझा किया और कहा कि यमुना का पानी पीने में कोई समस्या नहीं है। हालांकि, केजरीवाल ने इस वीडियो को एडिट कर दावा किया कि सैनी ने पानी पीने का नाटक किया था और फिर उसे वापस यमुना में थूक दिया। केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर इसको लेकर बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि सैनी ने पानी पीने का ढोंग किया और फिर उसे वापस यमुना में थूक दिया।
 
केजरीवाल का आरोप था कि हरियाणा की भाजपा सरकार ने चुनावी मौसम में यमुना में जाहर मिलाया, जिससे दिल्ली वाले मर जाएं और नरसंहार हो। उन्होंने यह भी दावा किया कि सैनी ने उनकी बातों का विरोध करते हुए उन पर एफआईआर दर्ज कराने की धमकी दी थी। केजरीवाल ने कहा, "जो पानी हरियाणा के मुख्यमंत्री खुद नहीं पी सकते, वही पानी दिल्ली की जनता को पिलाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन मैं इसे होने नहीं दूँगा।"

 

हालांकि, इस मुद्दे पर केजरीवाल ने जो वीडियो पोस्ट किया, वह केवल वीडियो का एक छोटा सा हिस्सा था। ऑरिजिनल वीडियो में देखा जा सकता है कि सैनी ने पहले पानी का एक घूंट लिया और फिर उसे थूक दिया, जिसे बाद में उन्होंने फिर से पिया। माना जा रहा है कि यह उनके कुल्ला करने का तरीका था। इसके बाद, सैनी ने यमुना का पानी पीकर यह साबित किया कि हरियाणा से निकलने वाले पानी में कोई समस्या नहीं है।

इस विवाद के बाद, हरियाणा के सोनीपत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने केजरीवाल को नोटिस जारी किया है। उन्हें 17 फरवरी को अदालत में पेश होने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही, चुनाव आयोग ने भी केजरीवाल को 29 जनवरी 2025 तक अपना जवाब देने के लिए नोटिस भेजा था। आयोग ने इस तरह के बयान को क्षेत्रीय तनाव, कानून-व्यवस्था की समस्याओं और राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा बताया था। आयोग ने चेतावनी दी कि यदि केजरीवाल पर लगाए गए आरोप सही पाए गए, तो उन्हें तीन साल तक की सजा हो सकती है।

इस पूरे मामले में, यह सवाल उठता है कि क्या अब केजरीवाल को उनके झूठे आरोपों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, या फिर उनके समर्थक इसे छुपाने के लिए इसे तोड़-मरोड़कर पेश करेंगे।

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