हाल ही में उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के 20 वर्षीय दीपक यादव का मामला चर्चा में आया। दीपक यादव को दिल्ली पुलिस में भर्ती के दौरान टैटू के कारण रिजेक्ट कर दिया गया। दीपक ने इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी और अब दिल्ली हाई कोर्ट ने इस पर अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि हल्के पड़ चुके टैटू के आधार पर किसी उम्मीदवार को सरकारी नौकरी से रिजेक्ट नहीं किया जा सकता।
सरकारी नौकरियों में टैटू का प्रभाव
कई बार टैटू के कारण सरकारी नौकरी के लिए रिजेक्ट किया जाता है, लेकिन यह बात पूरी तरह सच नहीं है। कुछ सरकारी नौकरियों में टैटू को लेकर विशेष नियम और पाबंदियां होती हैं। आइए जानते हैं कि टैटू के कारण नौकरी में रिजेक्शन क्यों होता है और कौन-कौन सी नौकरियों में इसका असर पड़ता है।
टैटू और स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं
ऐसा माना जाता है कि टैटू कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है, जैसे कि एचआईवी, स्किन डिजीज, हेपेटाइटिस ए और बी। इसके अलावा, यह धारणा भी है कि टैटू बनवाने वाले लोग अपनी नौकरी को गंभीरता से नहीं लेते। कुछ मामलों में, टैटू को लेकर समानता और सुरक्षा की चिंता भी होती है। विशेष रूप से सेना की भर्ती में बड़े टैटू को लेकर सख्ती बरती जाती है, क्योंकि यह सुरक्षा और पहचान से जुड़ी समस्याओं को जन्म दे सकता है।
टैटू के लिए सरकारी नियम
भारत सरकार के नियमों के अनुसार, जनजाति समुदाय के लोगों को उनके रीति-रिवाजों और परंपराओं के तहत टैटू बनाने की अनुमति है। इसके विपरीत, अन्य लोगों को छोटे और सुरक्षित टैटू की ही अनुमति है, जो धार्मिक प्रतीक या प्रियजन के नाम से मुक्त हों। भारतीय सेना और अन्य रक्षा सेवाओं में, बाहरी हिस्सों पर टैटू की अनुमति नहीं है। केवल शरीर के अंदरूनी हिस्सों में छोटे टैटू की अनुमति होती है, और ये टैटू अभद्र, लैंगिकवादी या नस्लवादी नहीं होने चाहिए।
दीपक यादव का मामला
दीपक यादव ने 2023 में दिल्ली पुलिस कांस्टेबल भर्ती के लिए आवेदन किया। उन्होंने लिखित परीक्षा पास की और फिटनेस टेस्ट भी सफलतापूर्वक पूरा किया। लेकिन, मेडिकल परीक्षा के दौरान उनके दाहिने हाथ पर बने मां के टैटू को हटाने के प्रयास के बावजूद, उन्हें टैटू के कारण अनफिट घोषित कर दिया गया। दीपक ने इस मामले को कोर्ट में चुनौती दी, और दिल्ली हाई कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि हल्के पड़ चुके टैटू के कारण किसी को सरकारी नौकरी से रिजेक्ट नहीं किया जा सकता।
अन्य मामले
एक similar मामला दो साल पहले भी सामने आया था। एक व्यक्ति ने अपने दाहिने हाथ के पिछले हिस्से में धार्मिक टैटू बनवाया था। उसे CRPF, NIA और अन्य बलों की भर्ती के लिए रिजेक्ट कर दिया गया था। इस मामले को भी दिल्ली हाई कोर्ट तक ले जाया गया। टैटू के कारण सरकारी नौकरी में रिजेक्शन एक गंभीर मुद्दा है, लेकिन हालिया कोर्ट के फैसलों से यह स्पष्ट होता है कि हल्के टैटू के कारण उम्मीदवारों को अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता। इस फैसले से उम्मीद है कि भविष्य में टैटू के मामलों को लेकर अधिक न्यायपूर्ण और मानवीय दृष्टिकोण अपनाया जाएगा।
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