ओटावा: एक समय था, जब मैट बेरेन और उनके दोस्त, दक्षिणी ब्रिटिश कोलंबिया के विशाल ग्रीनहाउसों की यात्रा करते हुए मज़ाक करते थे, कि इन मैदानों में वे कितना वीड ऊगा सकते है. लेकिन इसके कुछ सालों के बाद उन ग्रीनहाउसों से टमाटर और काली मिर्च के पौधों को हटाकर वहां एक नई फसल रोपी गई, जिसका नाम था मारिजुआना (गांजा). शुरू में तो बेरेन और कुछ अवैध उत्पादकों ने इसे विकसित किया और बेचना शुरू किया, लेकिन अब न ही बेरेन व् अन्य इसे अवैध रूप से उगाते है, न ही अवैध रूप से बेचते है , अब कनाडा सरकार खुद उनसे ये फसल खरीदती है, वो भी वैध तरीके से.
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इसी के चलते वर्तमान में कनाडा कानूनी रूप से मारिजुआना बाजार के साथ दूसरा और सबसे बड़ा देश बन गया है. कनाडाई प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडू ने दावा किया है कि यह एक गहन सामाजिक बदलाव है, जिसका मकसद लगभग एक शताब्दी के प्रतिबन्ध के बाद मारिजुआना के काले बाज़ार को ख़त्म कर इसे वैध और कर प्रणाली के तहत बाजार में लाना है.
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कनाडा का यह कदम संयुक्त राज्य अमेरिका के विपरीत भी है, जहां संघीय सरकार मारिजुआना को प्रतिबंधित करती है, जबकि यूएस के ही ज्यादातर राज्य 21 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए चिकित्सा या आनद-विश्राम के लिए इसकी अनुमति देते हैं. न्यू यॉर्क स्थित ड्रग पॉलिसी एलायंस के लिए अंतरराष्ट्रीय मारिजुआना नीति को ट्रैक करने वाली हन्ना हेट्जर ने कनाडा के कदम को "बेहद महत्वपूर्ण" बताते हुए कहा है कि लगभग 25 देशों ने पहले ही मारिजुआना को चिकित्सा उपयोग और दूसरे हानिकारक ड्रग्स के अवैध धंधे को बंद करने के लिए पहले ही वैध कर दिया है.
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