ओटावा: इन दिनों दुनिया भर के वैज्ञानिक और डॉक्टर कोरोना वायरस महामारी का तोड़ खोजने में जी जान से जुटे हुए हैं। वहीं इस बीच कनाडा के वैज्ञानिकों ने बड़ा दावा करते हुए कहा है कि बिल्लियां के जानलेवा वायरस के उपचार में इस्तेमाल की जाने वाली दवा मानवों में कोरोना के खिलाफ प्रभावशाली है। यह दवा संक्रमित के शरीर में थेरपटिक्स का विकास करती है जिससे कोरोना संक्रमण के इलाज में मदद मिलती है।
कनाडा की एल्बर्टा यूनिवर्सिटी में हुई रिसर्च में दावा किया गया कि बिल्लियों की यह दवा लैब में तैयार किए गए सार्स कोव 2 संक्रमित कोशिकाओं से वायरल को निष्क्रिय करने में कारगर रही। इस शोध को नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित किया गया है। शोधकर्ता व एल्बर्टा यूनिवर्सिटी में जीव रसायन के प्रोफेसर जॉन लेमिक्स के अनुसार, इस दवा को इंसानों पर प्रयोग किया जा सकता है।
यह कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए एंटी वायरल के तौर पर प्रभावी होगी। उन्होंने आगे कहा कि यह दवा वायरस को बढ़ने से रोकती है और संक्रमण को खत्म करने में सहायक है। इस दवा का सबसे पहले प्रयोग 2002-2003 में बिल्लियों को हुए वायरस के इलाज में हुआ था। इससे बिल्लियों की गंभीर बीमारी के उपचार में मदद मिली थी।
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