संसद में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, भारत में कैंसर के मामलों की संख्या चिंताजनक दर से बढ़ रही है। आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले तीन वर्षों में कैंसर के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, और हर साल नए मामलों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।
टीडीपी सांसद डॉ. बायरेड्डी शबरी द्वारा उठाए गए एक सवाल के जवाब में मंत्रालय ने 2022 और 2024 के बीच देश में दर्ज किए गए कैंसर के मामलों की संख्या पर आंकड़े उपलब्ध कराए। आंकड़ों के अनुसार, 2022 में 14,61,427 नए कैंसर के मामले सामने आए, जो 2023 में बढ़कर 14,96,972 हो गए और 2024 में (आज तक) और बढ़कर 15,33,055 हो गए।
मेडिकल रिसर्च काउंसिल के नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम से प्राप्त डेटा भारत में कैंसर के बढ़ते बोझ को उजागर करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी 2050 तक वैश्विक स्तर पर कैंसर के मामलों में 77% की वृद्धि की चेतावनी दी है।
डब्ल्यूएचओ की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (आईएआरसी) के अनुसार, जीवनशैली और पर्यावरण में बदलाव कैंसर के बढ़ते मामलों के लिए मुख्य कारण हैं। तंबाकू सेवन, शराब, मोटापा और वायु प्रदूषण जैसे अन्य कारक भी कैंसर की घटनाओं में वृद्धि का कारण बन रहे हैं।
IARC के आंकड़ों से पता चलता है कि पुरुषों में मुंह, होंठ और फेफड़ों के कैंसर बढ़ रहे हैं, जबकि महिलाओं में स्तन और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर तेजी से बढ़ रहे हैं। सरकारी डेटा और WHO की चेतावनियाँ भारत में कैंसर से निपटने के लिए जागरूकता बढ़ाने और प्रयासों की आवश्यकता पर प्रकाश डालती हैं। मामलों की संख्या बढ़ने की उम्मीद के साथ, इस बीमारी के बढ़ते बोझ को कम करने के लिए कैंसर अनुसंधान, उपचार और रोकथाम कार्यक्रमों में निवेश करना आवश्यक है।
ड्राइवरलेस कार का अनुभव करने के बाद ऐसा था इस बच्ची का रिएक्शन
Union Budget 2024: लिथियम-आयन बैटरी की कीमतों में कमी के रूप में इलेक्ट्रिक वाहनों को मिलेगा बढ़ावा
ऑटोमैटिक बनाम मैनुअल ट्रांसमिशन कारें, जानिए कौन सी है बेस्ट