मंगलवार को पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बड़ा बयान दिया है. उन्होने अपने बयान में कहा कि 'कोई गल नहीं' के पंजाबी रवैये की वजह से लोगों की कोरोना टेस्ट में विलंब हो रहा है. लेकिन कुछ केस में यह नुकसानदेह हो सकता है. सिंह ने हरियाणा की अपेक्षा पंजाब में मौत की दर ज्यादा होने के लिये इसी रवैये को जिम्मेदार करार दिया है.
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उन्होंने बताया कि यह रवैया स्वस्थ है, किन्तु कुछ केस नुकसानदेह साबित हो सकता है. उन्होंने कहा कि उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को इस बारे में पहले ही बता दिया था. वही, सिंह ने कहा, 'मौजूदा समय में जो सबसे बड़ी चिंता है वह है प्रदेश में कोविड के बढ़ते मामले. कोई गल नहीं की पंजाबी भावना के कारण लोगों की टेस्ट और उनके उपचार में विलंब हो रही है.' सीएम औद्योगिक नेताओं के एक मीटिंग को ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे.
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10 प्रदेशों के सीएम के साथ मंगलवार को मीटिंग के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, आज 80 प्रतिशत एक्टिव मामले भारत के दस प्रदेश में हैं, इसलिए कोरोना के विरूध्द लड़ाई में इन सभी प्रदेशों की भूमिका बहुत खास है. कहीं न कहीं ये एक भाव आज निकलकर आया है कि अगर हम मिलकर अपने इन दस राज्यों में कोरोना को हरा देते हैं, तो देश भी जीत जाएगा.पीएम मोदी ने कहा, एक्टिव केस का प्रतिशत कम हुआ है, रिकवरी रेट बढ़ा है. तो इसका अर्थ है कि हमारे प्रयास कारगर सिद्ध हो रहे हैं! सबसे विशेष बात है, कि इससे लोगों के मध्य भी एक विश्वास बढ़ा है, आत्मविश्वास बढ़ा है और भय भी बहुत कम हुआ है.
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