नईदिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले लेडी श्रीराम काॅलेज की छात्रा गुरमेहर कौर के पिता स्व. कैप्टन मनदीप सिंह को लेकर जानकारी सामने आई है कि वे कारगिल विजय अभियान के दौरान शहीद नहीं हुए थे उनके पिता आतंकियों का सामना करने हुए शहीद हुए थे। गुरमेहर कौर वही लड़की है जिसे रामजस काॅलेज में हुए उग्र प्रदर्शन का विरोध करने के चलते एक छात्र संगठन ने धमकियां दी थीं। कथित तौर पर गुरमेहर को विरोध करने पर रेप की धमकी दी गई थी।
जिसके बाद रामजस काॅलेज और दिल्ली विश्वविद्यालय परिसर में छात्र संगठनों ने विरोध स्वरूप मार्च निकाला था। गौरतलब है कि रामजस काॅलेज के एक सेमिनार में उमर खालिद को बुलाया गया था। उमर खालिद वे ही छात्र नेता हैं जिन पर देशद्रोही नारे लगाने का आरोप है। ऐसे में अभाविप ने उमर खालिद को बुलाने का विरोध किया था। कथित तौर पर अभाविप का प्रदर्शन उग्र हो गया था और इस उग्र प्रदर्शन को लेकर गुरमेहर कौर ने सोशल मीडिया पर कैंपेनिंग की थी। गुरमेहर के पिता को लेकर पहले यह कहा जा रहा था कि गुरमेहर के पिता कारगिल में भारतीय सेना के एक अभियान के दौरान शहीद हुए थे
लेकिन बाद में इस मामले में जानकारी सामने आई कि कैप्टन मनदीप सिंह 19999 में राष्ट्रीय राइफल्स के कैंप पर आतंकी हमले के दौरान शहीद हुए थे। गौरतलब है कि गुरमेहर ने एक प्ले कार्डस वीडियो में दावा किया था कि उनके पिता कारगिल में शहीद हुए थे मगर सेना के रिकाॅर्ड से जानकारी प्राप्त हुई कि वर्ष 1999 में वे राष्ट्रीय राइफल्स के सेक्टर 7 में तैनात थे। इसी दौरान राष्ट्रीय राइफल्स के कैंप पर आतंकी हमला हो गया और उसमें कैप्टन मनदीप सिंह शहीद हो गए।
वे रक्षक नामक आतंकरोधी दल में भागीदारी कर रहे थे। गौरतलब है कि कारगिल का संघर्ष 3 मई 1999 से प्रारंभ हुआ था। यह लड़ाई 25 जुलाई 1999 तक हुई थी। पाकिस्तान की सेना ने कथिततौर पर आईएसआई के साथ मिलकर भारतीय पोस्ट पर कब्जा करने के उद्देश्य से पहाड़ों पर जमना प्रारंभ कर दिया था। आतंकी और पाकिस्तान की फौज उंचे क्षेत्र में चढ़ गए थे और इन क्षेत्रों पर जीत दर्ज करने के लिए भारतीय सेना को जमकर संघर्ष करना पड़ा था।