मॉरीशस: मॉरीशस तट पर पर 1,000 टन तेल लीक करने वाला जापानी जहाज दो भागों में बंटकर टूट गया था. जिसके उपरांत अब मॉरीशस में ऑफिसर्स ने जापानी जहाज के हिंदुस्तानी कैप्टन को हिरासत में कर लिया है. साथ ही वहां की पुलिस इस केस में आगे की जांच चल रही है. पुलिस इंस्पेक्टर सिवो कोथेन ने बताया है कि एमवी वाकाशियो के कैप्टन सुनील कुमार नंदेश्वर जो कि हिंदुस्तान के हैं, उन पर सुरक्षित नेविगेशन को संकट में डालने का इलज़ाम लगा है और अगले सप्ताह होने वाली जमानत की सुनवाई तक हिरासत में रखे गए है. पुलिस इंस्पेक्टर ने बताया कि जहाज का पहला अधिकारी भी आरोपित था और उसे पकड़ा जानें वाला है. पुलिस इंस्पेक्टर सिवो कोथेन ने कहा कि हम पूरी जांच कर रहे हैं और सभी क्रू सदस्यों का बयान लिए जा रहे है.
जंहा इस बता का पता चला है कि 25 जुलाई को एक मालवाहक पोत MV वाकाशियो मॉरीशस के दक्षिण पूर्वी हिस्से में पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील और प्रमुख पर्यटन स्थल के तकरीबन फस गए थे. जापान की शिपिंग कंपनी मेसर्स ओकिओ मैरीटाइम कॉर्प के स्वामित्व वाली 300 मीटर लंबा जहाज ब्राजील के लिए रवाना हुआ था . इस पोत में भारी मात्रा में ईंधन पाया गया था. हालांकि भारी लहरों से घिरे रहने के उपरांत पोत फट गया और 6 अगस्त को जिससे तेल का रिसाव होना शुरू हो गया है. 4000 टन में से दुर्घटनाग्रस्त जहाज ने 1,000 टन ईंधन लीक कर चुका है. शेष 3,000 टन ईंधन को जहाज से पहले ही निकाला जा चुका है. वहीं अब पर्यावरण समूहों ने चेतावनी दी थी कि इससे पर्यावरण को बहुत हानि पहुंचेगा.
भारत ने की थी मदद: जिसके पूर्व मॉरीशस के पोत में तेल का रिसाव होने के बाद सहायता की गुजारिश पर हिंदुस्तान ने मदद भेजी थी. तेल रिसाव की परेशानी से निपटने में दक्ष भारतीय तटरक्षक बल की 10 सदस्यीय टीम को भी इस संकट से निपटने के लिए तैनात कर दिया गया था. हिंदुस्तानी वायुसेना के विमान से 10,000 उच्च क्षमता वाले तेल शोषित करने वाले पैड भी भेजे गए थे, जिसे विशेष रूप से इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने खरीदा था.
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