कार्टोसेट-2 से चीन-पाक पर रहेगी 24 घंटे नज़र

कार्टोसेट-2 से चीन-पाक पर रहेगी 24 घंटे नज़र
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शुक्रवार को भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में इतिहास रचा. इसरो ने सुबह श्रीहरिकोटा से 31 उपग्रह को लांच किये. इसरो के उपग्रहों का शतक पूरा हो गया है. लांच हुए इन उपग्रहों में से एक काफी ख़ास है जो धरती की सभी प्रकार की गाधिविधियों पर नज़र रखेगा. इससे पाकिस्तान सतर्क हो गया है. ये उपग्रह है कार्टोसैट-2 . इसे 'आई इन द स्काई' भी कहा जा रहा है.

 
इसलिए घबरा रहे चीन और पाकिस्तान 

असल में आज सुबह भेजे गए उपग्रह की मदद से धरती की आसानी से तस्वीरें ली जा सकेगी. इससे बॉर्डर पर आतंकियों पर नज़र रखने में भी आसानी होगी. इसे अर्थ इमेजिंग सैटेलाइट भी कहा गया है. ये दुश्मन पर अच्छी तरह से नज़र रख पाएगा. 

इसलिए है खास 

710 किलोग्राम का कार्टोसेट -2 सीरीज मिशन का पहला उपग्रह है जो पृथ्वी के अवलोकन के लिए काफी है. इसके साथ सह-उपग्रह है जिसमे 100 किलोग्राम का माइक्रो और 10 किलोग्राम का नैनो उपग्रह भी है. इनमे से 19 अमेरिका, 8 दक्षिण कोरिया और एक-एक कनाडा, फ्रांस, ब्रिटेन और फ़िनलैंड के उपग्रह भी है. 

सहम गया है पाकिस्तान 

इस पर पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि भारत भी उपग्रहों पर एक्सपेरिमेंट कर रहा है, इससे वह दोहरी नीति अपनाने की कोशिश कर रहा है. इन उपग्रहों को नागरिक और सैन्य उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके लिए यहां जरुरी है कि इनका इस्तेमाल सैनिक क्षमताओं के लिए नहीं किया जाए. ऐसा होता है तो इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है. 


2018 की यह पहली अंतरिक्ष परियोजना 

31 अगस्त 2017 को भी इसी तरह एक प्रक्षेपास्त्र पृथ्वी की कक्षा में देश के आंठवे नेविगेशन उपग्रह को लांच करने में सफल रहा था. PSLV-C 40, 2018 की पहली परियोजना है. अन्नादुराई ने इसको लेकर कहा है कि PSLV 39 हमारे लिए बहुत बड़ा झटका था क्योंकि हीट शील्ड एक दूसरे से अलग नहीं हो पाए थे.

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