मुंबई: महाराष्ट्र के वाशिम जिले में मुगल शासक औरंगजेब की तस्वीर लेकर नाचने वाले 8 लोगों पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। रविवार (15 जनवरी) रात ही डांस का वीडियो जिले में वायरल हुआ था। जिसके बाद हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, जिले के मंगरुलपिर में दादा हयात कलंदर साहब का संदल जुलूस 14 जनवरी की रात में निकाला गया था। संदल में नाचने वालों की भीड़ में दो बड़े-बड़े फोटो लहराए गए, जिसमें से एक टीपू सुल्तान की और दूसरा फोटो औरंगज़ेब की थी।
वीडियो सोशिल मीडिया पर वायरल होने के बाद मंगरुलपिर पुलिस ने 8 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। हालाँकि, अभी कोई अपराधी अरेस्ट नहीं किया गया है। इस घटना के विरोध में शहर के स्थानीय हिंदू संगठन ने औरंगजेब का पुतला फूंका। शहर में तनाव की स्थिति से बचने के लिए जगह-जगह पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। फिलहाल, शहर में शांति कायम है।
बता दें कि, इससे पहले महाराष्ट्र में औरंगजेब को लेकर पिछले हफ्ते ही नया विवाद खड़ा हुआ था। दरअसल, शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के विधायक और राज्य के पूर्व मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने कहा था कि औरंगजेब क्रूर था, मगर हिंदू विरोधी नहीं था।
आव्हाड ने कहा था कि, छत्रपति संभाजी महाराज को बहादुरगढ़ लाया गया था जहां उनकी आंखें निकाली ली गई थीं। बहादुरगढ़ किले के नजदीक, एक विष्णु मंदिर भी था। यदि औरंगज़ेब हिंदू विरोधी होता, तो वह उस मंदिर को भी तोड़ देता।
NCP नेता आव्हाड विपक्ष के नेता अजीत पवार की तरफ से छत्रपति संभाजी महाराज पर की गई टिप्पणी का बचाव करने का प्रयास कर रहे थे। बता दें कि NCP नेता अजित पवार ने राज्य विधानसभा में कहा था कि मराठा राजा (संभाजी महाराज) ने अपने जीवन में कभी भी धर्म का समर्थन नहीं किया था। पवार के इसी बयान को लेकर भाजपा सरकार भड़क गई थी और इसे संभाजी महाराज का अपमान करार दिया था। सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा था कि, NCP संभाजी महाराज का तिरस्कार करने के साथ औरंगजेब का महिमामंडन कर रही है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में औरंगजेब ने कई सारे मंदिरों को तोड़ा था और महिलाओं पर बहुत अत्याचार किया था।
भारतीयों पर औरंगज़ेब के अत्याचार:-
बता दें कि, मंदिरों को तोड़ने के लिए अपने सेनापतियों को लिखे गए औरंगज़ेब के पत्र आज भी देश के संग्रहालयों में रखे हुए हैं। औरंगज़ेब ने ही हिन्दुओं पर जजिया कर लागू किया था, जिसे इस्लामी शासन में जिन्दा रहने के लिए गैर-मुस्लिमों को चुकाना होता है। यही नहीं, औरंगजेब खुद एक जगह अपने पोते बिदार बख्त से कहता है कि, 'औरंगाबाद के पास सतारा गांव मेरे शिकार की जगह था हां पहाड़ पर खांडेराय की छवि वाला एक मंदिर था। अल्लाह के फजल से मैंने उसे ढहा दिया।' इसी औरंगज़ेब ने इस्लाम कबूल न करने पर गुरु तेगबहादुर का सर कलम करवा दिया था। भाई मतिदास को आरे से दो भागों में कटवाना हो, भाई सतीदास को रुई लपेटकर जिन्दा जलाना हो, गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादों को जिन्दा दीवार में चुनवाना हो, छत्रपति शिवाजी के बेटे शंभाजी महाराज की आँखें निकालना, जीभ काटना, इंच-इंच काटकर उन्हें इस्लाम कबूल करने के लिए कहना। ये सब तो अत्याचारी औरंगज़ेब के जुल्म के चंद किस्से हैं, जो उसने इस्लाम के नाम पर हिन्दुस्तानियों पर किए थे, इतिहास उसकी क्रूरता और मजहबी आतंकवाद की कहानियों से भरा पड़ा है।
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