अदाकारा पायल घोष ने बॉलीवुड के जाने-माने फिल्म डायरेक्टर अनुराग कश्यप पर यौन उत्पीड़न का केस दर्ज करवा दिया है. केस दर्ज होते ही मुंबई ने अनुराग को पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन बुलवाया. जहां उनसे तकरीबन 8 घंटे तक पूछताछ की गई. घंटो बाद निर्देशक को वर्सोवा पुलिस स्टेशन से निकलते हुए देखा गया.
बीते गुरूवार यानी 1 अक्टूबर के दिन अनुराग कश्यप पुलिस स्टेशन गए थे. मुंबई पुलिस द्वारा घंटों पूछताछ के उपरांत उन्होंने अनुराग को जाने दिया. यह देखते हुए पायल घोष ने ट्वीट करते हुए मुंबई पुलिस का धन्यवाद बोला. उन्होंने पोस्ट में यह भी बोला कि ''वह अब न्याय की आशा रखती हैं. वहीं कुछ समय बाद अनुराग की एडवोकेट प्रियंका खिमानी ने एक बयान जारी किया है. जिसमें अनुराग पर लगाए गए सभी आरोपों का झूठा बताया गया है.''
निर्देशक की एडवोकेट का कहना है कि उनके मुवक्किल पर लगे यौन उत्पीड़न के झूठे इलज़ाम लगाए गए हैं. ऐसे में उनके लिए जो समन आए है उससे उन्हें बहुत अधिक दुख पहुंचा है. एक्ट्रेस के द्वारा लगाए गए सभी इलज़ाम झूठे, निंदनीय व गलत हैं. यह बहुत ही दुख की बात है कि #MeToo के आंदोलन की महत्वता को ना समझते हुए उसे अपने लालच के लिए प्रयोग किया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पायल घोष ने दावा किया है कि अनुराग कश्यप ने उनके साथ जबरदस्ती करनी की कोशिश की. जबकी अनुराग शुरूआत से ही इन सभी आरोपों को निराधार कह रहे हैं. महिला आयोग भी अनुराग के विरूद्ध शिकायत दर्ज को तैयार बैठी है. कुछ समय पहले पायल की शिकायत दर्ज ना होने पर अदाकारा ने थाने के बाहर ही भूख हड़ताल का फैसला लिया था. उन्होंने इस सारे मुद्दे में मंगलवार को महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी संग भी मीटिंग की थी. जहां अदाकारा ने अपनी सुरक्षा की अपील करते हुए अनुराग कश्यप को जल्द से जल्द अरैस्ट करने की बात कही थी. इस बीच अदाकारा के साथ केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले भी नज़र आए.
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