लखनऊ: देश के सबसे बड़े राज्य यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कोरोना काल में महामारी एक्ट में दर्ज मुकदमे वापस लेने का निर्णय लिया हैं। उन्होंने कहा कि व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए कोरोना महामारी एक्ट के उल्लंघन से संबंधित दर्ज मामलों को ख़त्म किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि थाना एवं सर्किल सहित फील्ड में तैनात अवैध गतिविधियों में संलिप्त, खराब रिकॉर्ड वाले दागी पुलिसकर्मियों की लिस्ट यथाशीघ्र तैयार कर प्रस्तुत की जाए। ऐसे लोग यूपी पुलिस की छवि खराब करने वाले हैं। सभी के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी ने दो टूक शब्दों में गृह विभाग के अपर मुख्स सचिव एवं डीजीपी से कहा है कि भ्रष्टाचार में संलिप्त एक भी पुलिसकर्मी उत्तर प्रदेश पुलिस का भाग नहीं रहना चाहिए।
इसके साथ ही सीएम योगी ने कहा कि कल्याणकारी सरकार एवं सुशासन की धुरी थाना और तहसील हैं। नए नायब तहसीलदारों के आने से जनसुनवाई को रफ़्तार प्राप्त होगी। राजस्व वादों का निस्तारण हो जाए तो प्रदेश में आधे से ज्यादा विवाद ख़त्म हो जाएं। सुशासन के साथ ही विकास में भी नायब तहसीलदारों का महत्वपूर्ण किरदार होता है। नवनियुक्त नायब तहसीलदारों से कहा कि हमने पारदर्शी भर्ती की है सरकार की भी आपसे अपेक्षा है कि पारदर्शी ढंग से काम करें। प्रथम दिन से ही काम में ईमानदारी दिखाई दे। संवेदनशील होकर काम करें, शिकायतें नहीं आनी चाहिए।
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री बदलने की तैयारी?
200 से अधिक बेरोजगार युवा करेंगे नामांकन पत्र
गांद्रा को रेवंत रेड्डी की आलोचना करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं: राष्ट्रपति नैनी