आमतौर पर घर पर कुत्ता पाला जाता है. लोगो को घर में कुत्ता पालने का शौक होता है. कुत्ता बहुत ही वफादार जानवर होता है. एक रिसर्च में साइंटिस्ट ने बिल्ली पालने की सलाह दी. साइंटिस्ट के अनुसार, व्यक्ति बिल्ली पाने से किसी प्रकार की मानसिक बीमारी होने से बच सकता है.
एक नई स्टडी के अनुसार, प्रेग्नेंसी के दौरान या बचपन में बिल्ली पालने से किसी मानसिक बीमारी का प्रत्यक्ष रूप से सीधे खतरा नहीं होता है. स्टडी में कहा गया है कि बिल्लियों में टोक्सोप्लाज्मा गोंडी नामक एक आम परजीवी पाया जाता है. इसका सीधा संबंध स्किजोफ्रेनिया जैसी मानसिक समस्याओ में से है. पुरानी धारणा है कि बिल्ली पालने से स्किजोफ्रेनिया बीमारी हो सकती है.
किन्तु इन धारणाओं को खत्म करने के लिए साइंटिस्ट ने एक नई स्टडी की है जिसमे लगभग पांच हजारो लोगो को शामिल किया गया, जिन्होंने बिल्ली पाल रखी थी. रिसर्चरों को ऐसा कोई साक्ष्य नहीं दिखा जिससे ये साबित हो कि बिल्लियों के सम्पर्क ने इनके मानसिक स्वास्थ्य पर कोई असर हुआ हो. सभी व्यक्ति मानसिक रूप से स्वस्थ मिले.
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