आजकल आंखों के विजन संबंधी समस्या लोगों में आम होती जा रही है. आज के समय में ये परेशानी ज्यादा हो रही है. बच्चों का दिनभर मोबाइल का यूज़ करना भी एक कारण हो सकता है. कलर ब्लाइंडनेस के कारण आपको रंगों को पहचानने में परेशानी होने लगती है. यह बहुत ही कम लोगों में अनुवांशिक रुप से आता है. इस रोग के होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं. तो आइये जानते हैं उसके बारे में.
1.केमिकल डेमैज
सामान्यतया लोगों में तीन तरह की कोन होती हैं जिन्हें ट्राइक्रोमैटिक कहते हैं. इसके विपरीत वर्णान्ध लोगों में दो ही तरह की कोन होती हैं जो उन्हें डाइक्रोमैटिक बनाती है. आंखों के कोन का केमिकल के कारण डैमेज होने से वर्णांधता का शिकार हो जाते हैं.
2. ऑप्टिक नर्व के डैमेज होने से-
ऑप्टिक नर्व किसी भी वस्तु को देखने के लिए आंखों की मदद करती है. ऑप्टिक नर्व के डैमेज हो जाने के कारण भी विज़न में परेशानी पैदा हो जाती है और आप आसानी से रंगों की पहचान नहीं कर पाते हैं.
3. दिमाग में डैमेज होना-
हमारा शरीर दिमाग के द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के आधार पर काम करता है. दिमाग के वे हिस्से जो ऑप्टिकल नर्व को संकेत देते हैं के डैमेज हो जाने से त्वचा आप वर्णांधता का शिकार हो सकते हैं.
4. बढ़ती उम्र-
आंखों की रोशनी की परेशानी का सबसे मुख्य कारण आपकी बढ़ती उम्र भी हो सकती है. उम्र बढ़ने के साथ-साथ विज़न कमजोर होने और वर्णांधता की समस्या पैदा हो जाती है.
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