नई दिल्ली: CBI की एक स्पेशल कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम कल्याण सिंह को बाबरी मस्जिद ढहाने के मामले में 27 सितंबर को अदालत में पेश होने का समन भेजा है। विशेष न्यायाधीश एसके यादव ने CBI की लंबित याचिका पर बार एसोसिएशन की उस सूचना का संज्ञान लेते हुए कल्याण को समन जारी किया है कि उनका गवर्नर का कार्यकाल सितंबर के पहले सप्ताह में ख़त्म हो गया है।
सिंह के अलावा पूर्व उप प्रधानमंत्री एल.के. आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और अन्य के विरुद्ध भी छह दिसंबर 1992 को 14वीं सदी की इमारत को ढहाने का षड्यंत्र रचने का मामला चल रहा है। मामले की सुनवाई प्रतिदिन के आधार पर चल रही है। अदालत ने CBI से पूछा था कि क्या भाजपा नेता कल्याण सिंह अभी भी संवैधानिक पद पर हैं। CBI ने यह दावा करते हुए कि अभी उन्हें संबंधित दस्तावेज नहीं मिले हैं, अदालत से दो बार समय मांगा। बार एसोसिएशन द्वारा आवश्यक जानकारी देने के बाद अदालत ने समन जारी कर दिए।
CBI ने याचिका दाखिल की थी कि सिंह पर 1993 में इल्जाम लगाए गए थे और सर्वोच्च न्यायालय ने 19 अप्रैल 2017 को आदेश दिया था कि संविधान की धारा 361 द्वारा गवर्नर को प्रदत्त अधिकारों के कारण उन पर ट्रायल नहीं चलाया जा सकता। शीर्ष अदालत ने हालांकि, CBI को छूट दी थी कि कल्याण सिंह के पद छोड़ते ही वह उन्हें समन भेजे। शीर्ष अदालत के 19 अप्रैल 2017 को दिए निर्देशों की वजह से मामले के सभी आरोपी जमानत पर रिहा हैं।
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