नई दिल्ली: सारदा चिटफंड घोटाला मामले में सीबीआई ने शीर्ष अदालत में अर्जी दाखिल करते हुए कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को हिरासत में लेकर सवाल-जवाब करने की मांग की है. सीबीआई ने याचिका में कहा है कि राजीव कुमार ने एसआईटी प्रमुख रहते हुए रसूखदार लोगों को बचाया है और साक्ष्य नष्ट किए हैं. याचिका में ये भी कहा गया है कि शिलांग में इस मामले को लेकर की गई पूछताछ में राजीव कुमार ने सहयोग नहीं किया था. ऐसे में सर्वोच्च न्यायालय उन्हें गिरफ्तार करने पर लगाई गई अंतरिम रोक हटा ले.
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दरअसल, गत सुनवाई में शीर्ष अदालत ने पश्चिम बंगाल के चीफ सेकेट्री मलय डे, डीजीपी वीरेंद्र कुमार के विरुद्ध कोर्ट की अवमानना के मामले को बंद करने से मना कर दिया था. सीबीआई ने कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से पूछताछ के बाद स्टेटस रिपोर्ट दायर की थी. शीर्ष अदालत ने कहा था कि राजीव कुमार के विरुद्ध सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट में किए खुलासे बेहद संगीन है, लेकिन चूँकि रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में है, इसलिए अदालत के लिए कोई आदेश करना उचित नहीं रहेगा. अदालत ने सीबीआई को 10 दिनों के भीतर उचित एप्लीकेशन दाखिल करने के लिए कहा था. अदालत ने राजीव कुमार को 10 दिनों के भीतर सीबीआई की याचिका पर जवाब देने के लिए कहा था. अदालत ने कहा था कि हम कोई अंतिम राय बनाने से पहले दोनों पक्षों की राय सुनेंगे.
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आपको बता दें कि सीबीआई की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने राजीव कुमार को सीबीआई के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था. पुलिस आयुक्त राजीव कुमार शिलांग में सीबीआइ के समक्ष पेश होंगे. सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई की अवमानना याचिका पर पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, डीजीपी और राजीव कुमार को अवमानना का नोटिस भेजा था. शीर्ष अदालत ने तीनों अधिकारियों से अवमानना पर 18 फरवरी तक जवाब देने के लिए कहा था.
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