कोलकाता: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पश्चिम बंगाल में संदेशखाली के निवासियों को भूमि कब्जे और अन्य संबंधित अपराधों की घटनाओं की रिपोर्ट करने में सुविधा के लिए एक ईमेल आईडी समर्पित की है। साथ ही उत्तर 24 परगना के जिला मजिस्ट्रेट (DM) को ईमेल आईडी, sandeshkhali@cbi.gov.in पर पर्याप्त प्रचार करने के लिए भी कहा गया है, ताकि पीड़ित लोग अपनी शिकायत भेज सकें।
CBI TAKES STEP TO COMPLY WITH THE ORDERS OF THE HON’BLE CALCUTTA HIGH COURT REGARDING COMPLAINTS OF CRIME AGAINST WOMEN AND LAND GRABBING IN SANDESHKHALI pic.twitter.com/WlVZmG0uJC
— Central Bureau of Investigation (India) (@CBIHeadquarters) April 11, 2024
एक्स, पूर्व ट्विटर पर, सीबीआई ने बताया कि "CBI महिलाओं के खिलाफ अपराध और संदेशखाली में भूमि कब्जा करने की शिकायतों के संबंध में माननीय कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करने के लिए कदम उठा रही है।" CBI के एक प्रवक्ता ने कहा कि , ''उत्तर 24 परगना के जिला मजिस्ट्रेट से भी अनुरोध किया गया है कि वे इलाके में उक्त ई-मेल आईडी का पर्याप्त प्रचार करें और माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार क्षेत्रों में व्यापक प्रसार वाले स्थानीय दैनिक समाचार पत्रों में एक सार्वजनिक सूचना भी जारी करें।''
उल्लेखनीय है कि, यह कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस आदेश के बाद आया है जिसमें संदेशखाली में TMC समर्थकों द्वारा महिलाओं के बलात्कार के मामलों और भूमि कब्जे की अदालत की निगरानी में CBI जांच का निर्देश दिया गया था। कोर्ट ने जांच को CBI को ट्रांसफर करते हुए इन आरोपों की निष्पक्ष जांच की जरूरत पर जोर दिया था। इसके अतिरिक्त, अदालत ने CBI को मछली पालन के लिए कृषि भूमि के अवैध रूपांतरण पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया था।
मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने एजेंसी को स्थानीय लोगों से शिकायतें प्राप्त करने के लिए एक पोर्टल शुरू करने का भी निर्देश दिया और जिला मजिस्ट्रेट को इसके बारे में जागरूकता फैलाने के लिए कहा था। उच्च न्यायालय ने कहा, “शिकायतें प्राप्त करने के लिए एक पोर्टल/ईमेल आईडी लॉन्च किया जाना है। जिला मजिस्ट्रेट को स्थानीय भाषा में इसके जारी होने की तारीख का उल्लेख करते हुए पर्याप्त प्रचार करना चाहिए।'
कोर्ट ने आगे कहा था कि, ''अदालत पूरे मामले की बारीकी से निगरानी करेगी। 15 दिन के अंदर प्राथमिकता के आधार पर इलाके में CCTV कैमरे लगाने हैं। एलईडी स्ट्रीट लाइटें भी लगाई जानी हैं, इसके लिए आवश्यकतानुसार धनराशि राज्य सरकार द्वारा दी जाएगी।” हालाँकि, अदालत ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित करने की याचिका को अस्वीकार कर दिया और कहा कि इसके बजाय, CBI को संदेशखाली के व्यक्तियों के आरोपों और शिकायतों के संबंध में जांच करनी चाहिए और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी चाहिए।
अदालत ने सेवानिवृत्त एचसी न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञ समिति के बजाय सीबीआई का पक्ष लिया क्योंकि सीबीआई पहले से ही संदेशखाली में हाल ही में हुई एक घटना की जांच कर रही है। कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने संदेशखाली में महिलाओं द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया, जिन्होंने जमीन पर कब्जा करने और हिंसा की शिकायतों के अलावा, स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेताओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। मामले को अब 2 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
उल्लेखनीय है कि, कुछ दिनों पहले उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली की महिलाएं सत्तारूढ़ TMC और शाहजहां के खिलाफ सड़कों पर उतर आईं थीं और शाहजहां और उनके सहयोगियों पर उन पर घोर ज्यादती और अत्याचार करने और उनकी जमीन भी हड़पने का आरोप लगाया था। महिलाओं का कहना था कि, TMC नेता शाहजहां शेख के गुंडे लड़कियों को घरों से उठा ले जाते हैं और TMC दफ्तर में ले जाकर रात भर बलात्कार करते हैं। महिलाओं का यहाँ तक कहना था कि, ये सब पुलिस के सामने भी होता है, लेकिन बंगाल पुलिस पीड़ितों को ही दबाती है।
“बाहर आओ,हम तुम्हारे साथ सामूहिक बलात्कार करेंगे"
— Yogita Bhayana योगिता भयाना (@yogitabhayana) February 12, 2024
भीड़ उसके गेट के पार से उसका हाथ खींचते हुए चिल्लाई वो भी महिला के पति और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में !
पश्चिम बंगाल 24 परगना की यह संदेशखाली है,जहाँ गुंडा शाहजहां शेख का राज चलता है,उसके गुंडे महिलाओं को उठाते… pic.twitter.com/swnAsYgC2T
बता दें कि, ED पर हमले के बाद शेख शाहजहां फरार हो गया था। जब कोलकाता हाई कोर्ट ने बंगाल पुलिस को आदेश दिया, तब कहीं जाकर 50 दिनों के बाद बंगाल पुलिस ने उसे अरेस्ट किया था। लेकिन हाई कोर्ट ने शाहजहां को CBI के हवाले करने को कहा था, जिसके लिए ममता सरकार राजी नहीं थी। TMC नेता शेख शाहजहां को अपने पास रखने के लिए ममता सरकार सुप्रीम कोर्ट तक चली गई थी, लेकिन उनकी याचिका ख़ारिज हो गई। जिसके बाद से शेख शाहजहां केंद्रीय एजेंसियों की गिरफ्त में है और अब हाई कोर्ट ने CBI को संदेशखाली में जांच करने का आदेश भी दे दिया है।