पटना: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने आज यानी मंगलवार (16 मई) को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो और पूर्व सीएम लालू यादव के करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई की है. ये छापे बिहार से दिल्ली-NCR तक 9 ठिकानों पर मारे गए हैं. CBI ने लैंड फॉर जॉब मामले में ये एक्शन लिया है. बताया जा रहा है कि CBI ने दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा में लालू के करीबी प्रेम चंद्र गुप्ता के ठिकानों पर दबिश दी हैं. यही नहीं बिहार में पटना, भोजपुर और आरा में छापेमारी की कार्रवाई की गई है. RJD के पूर्व MLA अरुण यादव, RJD विधायक किरण देवी और उनके पति के ठिकानों पर भी तलाशी ली जा रही है.
बता दें कि, इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मार्च में दिल्ली, बिहार और यूपी में 15 ठिकानों पर छापेमारी की थी. ये छापेमारी लालू यादव और उनके करीबियों के ठिकानों पर हुई थी. इससे पहले CBI ने इस मामले में लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी से पूछताछ भी की थी. ED की रेड यूपी, बिहार, मुंबई और दिल्ली के 15-20 ठिकानों पर हुई थी. यही नहीं, ED ने दिल्ली में फ्रेंड्स कॉलोनी में तेजस्वी यादव के घर पर भी छापा मरा था. बता दें कि, लैंड फॉर जॉब स्कैम का यह केस 14 वर्ष पुराना है. उस समय लालू यादव, कांग्रेस की केंद्र सरकार में रेल मंत्री थे. आरोप है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में लोगों को नौकरी देने के एवं में उनकी जमीन अपने परिवार के नाम लिखवा ली थी. बता दें कि लालू यादव 2004 से 2009 तक केंद्रीय रेल मंत्री रहे थे.
CBI ने इस मामले में 18 मई को मामला दर्ज किया था. CBI के अनुसार, लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप D के पदों पर सब्स्टीट्यूट के रूप में भर्ती किया गया और जब उनके परिवार ने भूमि का सौदा किया, तब उन्हें रेगुलर कर दिया गया. CBI का कहना है कि पटना में लालू यादव के परिवार ने 1.05 लाख वर्ग फीट भूमि पर कथित तौर पर कब्जा किया हुआ है. इन जमीनों का सौदा कैश में हुआ था. यानी, लालू परिवार ने नकद देकर यह जमीनें खरीदी थी. CBI के अनुसार, ये जमीनें बेहद कम दामों में बेच दी गई थीं. जमीनें कम कीमतों पर बेचने का मकसद रेलवे में नौकरी हासिल करना था, जो लालू यादव दे रहे थे.
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