नई दिल्ली: सीबीआई का कहना है कि एसआईटी प्रमुख रहते हुए चिट फंड केस से सम्बंधित अहम सबूतों की राजीव कुमार ने नष्ट कर दिया है. शीर्ष अदालत से राजीव कुमार को गिरफ्तार ना करने के आदेश पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है. सीबीआई ने शनिवार को शीर्ष अदालत में शारदा और रोज़ वैली चिट फंड मामले में तत्कालीन एसआईटी प्रमुख और कोलकत्ता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार की भूमिका की जांच कर रही सीबीआई टीम ने सर्वोच्च न्यायालय में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर कोर्ट से मांग की है कि वो अपने पुराने आदेश पर फिर से विचार करे.
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कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त और तत्कालीन एसआईटी चीफ राजीव कुमार को गिरफ्तार करने पर रोल लगाई थी. हालांकि राजीव कुमार को सीबीआई के समक्ष पेश होकर जांच में सहयोग करने के निर्देश दिए थे. सीबीआई ने उसके की जांच रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर सर्वोच्च न्यायालय से आग्रह किया है कि उनको राजीव कुमार की कस्टोडियल इंट्रोगेशन की आवश्यकता है, क्योंकि चिट फंड मामले से जुड़े हुए कई अहम सबूत राजीव कुमार ने मिटा दिए हैं, जो सबूत शुरुआती जांच के दौरान एसआईटी को प्राप्त हुए थे. लिहाजा राजीव कुमार के ऊपर साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ का मामला स्पष्ट तौर पर बनता है.
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लिहाजा शीर्ष अदालत निष्पक्ष जांच के लिए शीर्ष अदालत द्वारा दिया हुआ प्रोटेक्शन हटाए, सीबीआई ने अपनी लगभग 64 पन्नो की स्टेटस रिपोर्ट में तत्कालीन एसआईटी टीम के लोगों की भूमिका का भी उल्लेख किया है. दरअसल ये पूरा मामला उस समय विवादों आया था, जब सीबीआई की टीम पूर्व पुलिस आयुक्त से पूछताछ करने उनके आवास गई थी, जहां कोलकत्ता पुलिस ने न केवल सीबीआई अधिकारियों के साथ बदसलूकी की बल्कि उन्हें बंधक भी बना लिया था, जिसके बाद मामले को सियासी रंग देते हुए पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी धरने पर बैठ गई थी.
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