मिली जानकारी के मुताबिक़ बताया जा रहा है की केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने अपने अनुसार नियम चलाने वाले स्कूलों को वॉर्निंग दी है और कहा है की वे बोर्ड के द्वारा जारी किए गए समस्त नियम-निर्देशों पर ही कार्य करें. बोर्ड ने कहा की स्कूल परिसर में टेक्स्ट बुक्स व स्टेशनरी की अन्य चीजें न बेचें और न ही स्कूल किसी चयनित विक्रेता से कॉपी-किताबें खरीदने के लिए भी बच्चों को बाध्य न करें. छात्र अपनी इच्छा और सुविधा के अनुसार कहीं से भी किताबें, यूनिफॉर्म, स्टेशनरी आदि खरीद सकते है. अब यदि स्कूलों में ऐसा कुछ देखने को या सुनने को मिला तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उनकी मान्यता भी रद्द की जा सकती है.
बताया जा रहा है की विद्यार्थियों और पेरेंट्स की तरफ से यह शिकायत आ रही है की स्कूलों द्वारा इन सामग्रियों को खरीदने के लिए फाॅर्स किया जा रहा है. CBSE ने कहा है की किताबों, स्टेशनरी, यूनिफॉर्म, स्कूल बैक आदि की ब्रिकी स्कूलों द्वारा न की जाए.
इसके अतरिक्त बोर्ड ने एनसीईआरटी टेक्स्ट बुक्स के इस्तेमाल पर जोर दिया है. बोर्ड को पिछले कुछ समय से यह शिकायत मिल रही थी की कुछ स्कूल स्टूडेंट्स पर एनसीईआरटी टेक्स्ट बुक्स के अलावा अन्य किताबों को भी खरीदने का दबाव डाल रहे हैं.
बोर्ड ने कहा कि सीबीएसई की संबद्धता के नियम 19.1 में कहा गया है कि कंपनी अधिनियम 1956 की धारा 25 के तहत पंजीकृत सोसाइटी या ट्रस्ट या कंपनी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि स्कूल का संचालन सामुदायिक सेवा के रूप में हो और कारोबार की तरह नहीं. स्कूलों में किसी भी रूप में व्यावसायिकता नहीं पनपे.
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने कहा है कि बोर्ड से संबद्ध सभी स्कूलों को 12 अप्रैल 2016 के उस परिपत्र का पालन करना चाहिए जिसमें एनसीईआरटी: सीबीएसई पाठ्यपुस्तकों का उपयोग करने को कहा गया है.
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