नई दिल्ली: ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने फतवा जारी करते हुए कहा है कि नए साल का जश्न मनाना इस्लाम के मुताबिक़ जायज नहीं है। इस प्रकार के कार्यक्रम फिजुलखर्ची और खुराफात के अंतर्गत में आते हैं। इसलिए शरीयत (इस्लामी कानून) ने इस प्रकार के कार्यक्रमों के आयोजन करने और इसमें शामिल लेने वालों के लिए सख्ती से रोका है।
शरीयत इस तरह के कार्यक्रमों को नाजायज घोषित करती है। बता दें कि सुन्नी बरेलवी मुसलमानों का बरेली मरकज का केंद्र है। यहां से मुस्लिम समुदाय के लिए तमाम किस्म के फतवे और शरीयत पर बयान जारी होते रहते हैं। इसी मरकज से जुड़े मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि मैं सभी मुस्लिम युवाओं से यह इल्तिज़ा कर रहा हूं कि नया साल का जश्न न मनाएं। शरीयत का ख्याल रखें और यदि इस तरह के खुराफाती कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे या पैसा खर्चा करेंगे तो कयामत के दिन खुदा को जवाब देना होगा और सख्त गुनाहगार होगा।
उन्होंने कहा कि, इसलिए इस तरह के कामों से बचें। मौलाना ने कहा कि नया साल आना कोई खुशी मनाने वाली बात नहीं है, बल्कि ये गौर करने वाली बात की हमारी जिंदगी का एक साल कम हो चुका है। मौलाना ने कहा कि नए साल के जश्न मनाने की सूचना यदि हमें मिली तो मुस्लिम जमात के कार्यकर्ता उसको सख्ती से रोकने के लिए बाध्य होंगे।
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