नई दिल्लीः देश में स्वच्छता को लेकर सरकार ने एक बड़ा अभियान छेड़ रखा है। जिसमें हर वर्ग और हर क्षेत्र से लोग शामिल हो रहे हैं। इस कड़ी में उद्योग जगत भी शामिल हो गए हैं। सीमेंट मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (सीएमए) और इसकी सदस्य कंपनियों ने स्वच्छता ही सेवा संकल्प और प्लास्टिक के निपटान में अहम भूमिका के लिए अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है। सीमेंट उद्योग में वैकल्पिक ईंधन और कच्चे माल पर आयोजित कॉन्फ्रेंस में सीएमए एवं इसकी सदस्य कंपनियों ने इस संबंध में सरकार का सहयोग करने की बात की।
कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र में डिपार्टमेंट ऑफ ड्रिंकिंग वॉटर एवं सैनिटेशन के सचिव परमेश्वरन अईयर ने बताया कि सीएमए स्वच्छता ही सेवा के लिए जागरुकता बढ़ा रहा है और प्लास्टिक के निपटान को अपने एजेंडे में सबसे ऊपर रख रहा है। अईयर ने बताया कि कचरे व प्लास्टिक के समुचित निपटान के उद्देश्य की पूर्ति में सीमेंट उद्योग एक महत्वपूर्ण साझेदार हैं। वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में सचिव सी के मिश्रा ने बताया, ‘भारतीय सीमेंट उद्योग ने UN क्लाईमेट एक्शन समिट में एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल कर लिया है।
जलवायु परिवर्तन एक वास्तविक खतरा है और हमें भविष्य की पीढ़ियों की सुरक्षा के लिए इस दिशा में धरातल पर कार्य करने की जरूरत है। टेक्नोलॉजी और संसाधन इस परिवर्तन के दो महत्वपूर्ण अंग हैं। इसी समय भारतीय उद्योग में अपने बूते नई टेक्नोलॉजी का निर्माण करने और इसका समाधान निकालने की सामर्थ्य है। इस कार्यक्रम में सरकार के 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को समर्थन देने की बात भी कही गई ।
खुशखबरीः पेट्रोल-डीजल के भाव में भारी गिरावट, जानें नई कीमत
दिल्ली और यूपी के लोगों के लिए खुशखबरी, MGL ने घटाए PNG के दाम