नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिए हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान अपने परिवार को खोने वाले बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा को लेकर कदम उठाएं. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने महामारी के दौरान महिलाओं, बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के विरुद्ध अपराध को रोकने के लिए तमाम राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश सरकारों को पत्र लिखा है.
गृह मंत्रालय ने कहा है कि सरकार कमजोर तबकों पर कोरोना महामारी के प्रभाव का संज्ञान ले रही है. साथ ही कहा गया है कि प्रदेश इन लोगों से संबंधित समस्याओं को प्राथमिकता दें और पर्याप्त व्यवस्था बनाएं. गृह मंत्रालय की महिला सुरक्षा विभाग ने ये पत्र तमाम राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिव, राज्यों के DGP को जारी किया है. मंत्रालय ने कहा है कि पुलिस स्टेशन में महिला हेल्प डेस्क को बनाने/मजबूत करने के लिए 107 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं. इस प्रकार के डेस्क पर वकीलों, मनोवैज्ञानिकों, NGO के एक्सपर्ट को रखने की हिदायत दी गई है, जो महिलाओं को केस दर्ज करने, उन्हें शेल्टर देने और दूसरी चीजों में सहायता कर सकें.
इसके अलावा तस्करी से संबंधित मामलों के समाधान के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को 100 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं. इससे प्रत्येक जिलें में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट्स (AHTUs) बनाने के लिए कहा गया है. इस यूनिट में पुलिस अधिकारी के अलावा ट्रैफिकिंग की रोकथाम के लिए दूसरे विभाग के अधिकारी भी शामिल किए जाएंगे. गृह मंत्रालय ने बताया कि, “ये यूनिट बेहद आवश्यक हैं, खासकर कोरोना महामारी के दौरान कई बच्चे अपने माता-पिता की मौत के कारण अनाथ हो रहे हैं.”
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