नई दिल्ली: मंत्रिसमूह की 3 माह में 5 चिंतन बैठकों के उपरांत अब सेंट्रल गवर्नमेंट ने सरकारी कामकाज को गति देने के लिए गवर्नमेंट के सभी 77 मंत्रियों को 8 समूह में बांटा जा चुका है. इन समूहों में एक वरिष्ठ मंत्री पूरे ग्रूप के हेड के जैसे कार्य को पूरा किया. जिसके अतिरिक्त 2 नए मंत्री, कुछ पुराने मंत्री और कुछ राज्यमंत्री को भी शामिल किया गया. नए व्यवस्था के अंतर्गत अब मंत्रियों को अपने स्टॉफ में दक्ष लोगों को सेलेक्शन से लेकर किसी टेक्निकल इश्यू पर एक्सपर्ट ओपिनियन लेने या विषय की बेहतर समझ लेने के लिए आपसी सुझाव, कामकाज में टेक्नोलॉजी के प्रयोग जैसे विषयों में भी ये समूह आपस में समन्यवय स्थापित करने का काम करेगा.
दरअसल, इसके पीछे का मकसद हर ग्रुप का आपस मे तालमेल बनाने और विचार का आदान-प्रदान करके गवर्नमेंट के कार्य काज को गुणवत्ता और धारदार बनाने का है. जहां इस बात का पता चला है कि पीएम ने मंत्रियों को समूह में बांटने का निर्णय कामकाज में अधिक पारदर्शिता लाने और गवर्नमेंट की दक्षता को और अधिक बढ़ाने के लिए किया है, जिससे आपस में निरंतर सम्पर्क बना रहे और काम काज बिना अटके और लटके तेज़ी से हो. साथ ही साथ योजनाओं का लाभ आम आदमी तक कम वक़्त में बिना बाधा के पहुंच सके.
एक मंत्रालय के कामकाज की जानकारी दूसरे मंत्रालय को भी रहेगी: मिली जानकारी के अनुसार 77 मंत्रियों को 8 समूह में बांटने के पीछे की दूसरी मंशा नए मंत्रियों को बिना वक़्त गंवाए सरकारी नीतियों को आसानी से समझा जा सके, जिन्हें पहली बार सरकार में कार्य करने का मौका हासिल हो सके. कई बार उनको परेशानियों का सामना करना पड़ता है या अधिकारियों के मार्गदर्शन की आवश्यकता पड़ती है. वहीँ यह भी कहा जा रहा है कि इस नए तरीके से एक मंत्रालय के कामकाज की सूचना दूसरे मंत्रालय को भी रहेगी और इससे जुड़ा कार्य अगर दूसरे विभाग से जुड़ा है तो वहां भी कार्य संयुक्त रूप से तेजी से किया जाने वाला है. पीएम निरंतर मंत्रिमंडल की बैठक कर रहे हैं और निरंतर मंत्रियों और मंत्रालय के मद्य सामंजस्य बैठाने की जरूरत पर बल दे रहे हैं. उसी कड़ी में ये महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है.
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