मुंबई: समान नागरिक संहिता (UCC) की तैयारी में लगी केंद्र की भाजपा सरकार को एक और पार्टी का समर्थन हासिल हो गया है। शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने भी अब UCC का समर्थन किया है। इससे पहले दिल्ली और पंजाब की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी UCC के सैद्धांतिक समर्थन की बात कही थी। AAP नेता संदीप पाठक ने कहा था कि हम सैद्धांतिक रूप से समर्थन में हैं, मगर इस मसले पर सभी दलों से चर्चा के बाद ही फैसला लिया जाना चाहिए।
सूत्रों ने बताया है कि उद्धव ठाकरे गुट ने UCC के समर्थन का फैसला ले लिया है। अगर मॉनसून सेशन में इसे लेकर बिल आता है, तो फिर पार्टी उसका सपोर्ट करेगी। दरअसल, समान नागरिक संहिता (UCC) के मसले पर भले ही तमाम पार्टियां भाजपा की मंशा पर सवाल खड़े कर रही हैं, लेकिन अधिकतर दल संभलकर बात कर रहे हैं। NCP नेता शरद पवार ने तो अपनी पार्टी के नेताओं को सख्त नसीहत दी है कि वे UCC के मामले में कोई टिप्पणी ही न करें। दरअसल, पवार को लगता है कि वह इस मामले में भाजपा सरकार के साथ नहीं जा सकते और अगर खिलाफ बोले तो उससे वोटों का ध्रुवीकरण हो सकता है।
वहीं उद्धव ठाकरे गुट के लिए यह मुद्दा वैचारिक है। वह हमेशा से UCC का समर्थन करती रही है। इन दिनों भले ही वह NCP और कांग्रेस के साथ गठबंधन में है, मगर यदि यूसीसी के खिलाफ जाती है तो फिर भाजपा उस पर हिंदुत्व से समझौते का इल्जाम लगा सकती है। ऐसी स्थिति में उद्धव ठाकरे गुट किसी भी प्रकार से अपने खिलाफ परसेप्शन नहीं बनने देना चाहता। यही कारण है कि उसने UCC के समर्थन का ही फैसला लिया है। माना जा रहा है कि YSR कांग्रेस, BJD जैसे कुछ और दल हैं, जो इस मामले में सरकार का साथ दे सकते हैं।
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