नई दिल्ली: असम एनआरसी को लेकर केंद्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि वे उन 40 लाख लोगों का बायोमीट्रिक्स ब्यौरा लेने पर विचार कर रही है, जो असम की NRC सूचि में शामिल नहीं है, ताकि उन्हे दूसरे राज्यों में प्रवेश करने से रोका जा सके. इसपर शीर्ष अदालत ने केंद्र से कहा है कि 'आप जो भी चाहें करें, फिलहाल हम टिप्पणी करना नहीं चाहेंगे. आप इसे करें और तब हम इसकी जांच करेंगे. हमारी चुप्पी सहमति या आश्वासन का प्रतीक नहीं है.'
NRC ड्राफ्ट: घुसपैठियों के खिलाफ बीजेपी सख्त, 4 अन्य राज्यों में जांच की मांग
इससे पहले केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस आर.एफ. नरीमन की पीठ से कहा कि देश के कुछ राज्यों ने आशंका जताई है कि जो लोग असम की NRC सूचि में शामिल नहीं हैं, वे दूसरे राज्यों में पलायन कर सकते हैं और अगर वे अन्य राज्यों में जा छिपे तो उन्हें खोजना बहुत मुश्किल हो जाएगा.
'गृहयुद्ध और रक्तपात' वाले बयान पर ममता के खिलाफ FIR दर्ज
वेणुगोपाल ने कहा कि इसीलिए सरकार उन 40 लाख लोगों का बायोमेट्रिक ब्यौरा लेने के बारे में विचार कर रही है, ताकि उन्हें विदेशी घोषित किया जा सके और अगर वे किसी दूसरे राज्य में जाएं तो उनकी पहचान हो सके. इनके अलावा ट्रांसजेंडर्स ने भी अदालत से 20 हज़ार ट्रांसजेंडरों को NRC फॉर्म भरने का एक और मौका देने की गुजारिश की थी. जिसे अदालत ने यह कहते हुए ठुकरा दिया कि 'आपने मौका गंवा दिया. हम समूची कवायद को अब दोबारा शुरू नहीं कर सकते.'
खबरें और भी:-
असम NRC ड्राफ्ट: बांग्लादेश का भारत को दो टूक