नई दिल्लीः केंद्र सरकार आर्थिक क्षेत्र में अब पूरी तरह से सक्रिय हो गई है। सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की तमाम कंपनियों पर जो घाटे में चल रही हैं उन पर ऐक्शन ले रही है। इसी क्रम में सरकार बैंकों के विलय की घोषणा के बाद घाटे में चल रही दूरसंचार कंपनियों को लेकर भी ऐसा निर्णय ले सकती है। सरकार जल्द ही संकट से जूझ रही बीएसएनएल और एमटीएनएल की पूंजी के विलय पर फैसला कर सकती है। इससे पहले केंद्रीय कैबिनेट दोनों कंपनियों को 4जी स्पेक्ट्रम का लाइसेंस जारी करेगा।
केंद्रीय कैबिनेट की इसी महीने होने वाली बैठक में दोनों दूरसंचार कंपनियों को 4जी स्पेक्ट्रम देने पर मुहर लग सकती है। इस पर पहले ही सॉलिसिटर जनरल से कानूनी मशविरा ले लिया गया है और मामले को प्रशासनिक इकाई के पास भेज दिया गया है। कैबिनेट को फैसला लेने से पहले यह क्लीयरेंस लेना जरूरी था। स्पेक्ट्रम नीलामी में हिस्सा नहीं लेने के बावजूद बीएसएनएल और एमटीएनएल ने सबसे ऊंची बोली लगाई और स्पेक्ट्रम हासिल किया है।
इसके बाद दूरसंचार विभाग कोष पर विलय को लेकर नोटिफिकेशन जारी करेगा। दोनों कंपनियों के कोष की अदला-बदली बांड के रूप में की जाएगी। बीएसएनएल और एमटीएनएल को 4जी स्पेक्ट्रम मुहैया कराने की पूरी लागत इस बार सरकार वहन करेगी। पहले हुए करार के तहत सरकार 50 फीसदी पूंजी लगाती और बाकी 50 फीसदी दोनों कंपनियों को लगाना होता। लेकिन कंपनी की माली हालत को देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाने का फैसला किया है। गौरतलब बै कि यह कंपनियां अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन तक नहीं दे पा रही हैं।
पेटीएम खरीद सकती है यस बैंक में हिस्सेदारी
मंदी का असरः इस उद्योग में हजारों नौकरियों पर खतरा
सोने की कीमतों में आई जबरदस्त गिरावट, एक ही झटके में हुआ इतना सस्ता