नई दिल्लीः केंद्र सरकार जीएसटी संग्रह उम्मीद से कम होने के कारण चिंतित है। इससे निपटने के लिए सरकार ने एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। इस समिति को जीएसटी का संग्रह बढ़ाने, अधिक से अधिक कारोबारियों को जीएसटी के दायरे में लाने और टैक्स चोरी रोकने के लिए उपाय सुझाने का जिम्मा सौंपा गया है। इसके अलावा यह समिति जीएसटी में संरचनात्मक बदलावों के बारे में सुझाव देगी। इस समिति में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और पंजाब के जीएसटी कमिश्नरों के अलावा प्रिंसिपल जीएसटी कमिश्नर और संयुक्त सचिव (राजस्व) भी शामिल किए गए हैं।
अन्य राज्यों से भी इस बारे में अपने सुझाव देने और समिति में शामिल होने का आग्रह किया गया है। एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि कानून में नीतिगत उपायों और संबंधित बदलावों की जरूरत है। आदेश के अनुसार समिति 15 दिन के भीतर जीएसटी सचिवालय में पहली रिपोर्ट सौंप देगी। आंकड़ों के बेहतर विश्लेषण और प्रशासनिक समन्वय के जरिये अनुपालन की बेहतर निगरानी पर सुझाव देना भी समिति की जिम्मेदारी होगी।
दरअसल बीते महीने जीएसटी संग्रह घटकर 91,916 करोड़ रुपये रह गया, जो 19 महीनों का निचला स्तर है। अगस्त में भी जीएसटी का संग्रह घटा था। इससे अर्थव्यवस्था में सुस्ती और ग्राहक मांग में कमी का अंदेशा और मजबूत हुआ। सरकार चालू वित्त वर्ष में केवल एक बार एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का जीएसटी राजस्व हासिल कर पाई है। बता दें कि केंद्र सरकार को अभी भारी मात्रा में फंड की जरूरत है ताकि वह सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था में दोबारा जान डाल सके।
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