नई दिल्लीः केंद्र सरकार के आयात बिल में सबसे बड़ा हिस्सा कच्चे तेल का होता है। सरकार आयात में बिल कमी लाने के लिए एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। सरकार ने एथनॉल की कीमत बढ़ा दी है ताकि इसकी आपूर्ति को बढ़ाया जा सके। पीएम मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में एथनॉल से संबंधित कई फैसले किए गए। इसमें एक फैसला यह भी था कि सरकारी तेल कंपनियां अब चीनी से बनाए गए एथनॉल की खरीद भी कर सकेंगी।
सरकार को उम्मीद है कि एथनॉल की खरीद बढ़ाकर वह इस वर्ष तेल आयात बिल में एक फीसद की कमी कर सकेगी। पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने बताया कि सी श्रेणी के हैवी मोलासिस से मिलने वाले एथनॉल की कीमत 43.46 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 43.75 रुपये किया जा रहा है। बी श्रेणी के हैवी मोलासिस की कीमत 52.43 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 54.27 रुपये प्रति लीटर की जा रही है।
गन्ने के जूस या सिरप या चीनी से बनाए गए एथनॉल की कीमत 59.48 रुपये प्रति लीटर तय की गई है। इसका मतलब यह हुआ कि चीनी मिल अब अतिरिक्त बची चीनी से एथनॉल बनाकर उसे तेल कंपनियों को बेच सकेंगी। साथ ही अतिरिक्त या सड़े खाद्य उत्पादों से बनाए गए एथनॉल की खरीद भी तेल कंपनियां करेंगी। इन उपायों से देश में एथनॉल की आपूर्ति बढ़ाने में मदद मिलेगी। सरकार ने इस वर्ष 260 करोड़ लीटर एथनॉल खरीदने का लक्ष्य रखा है। इससे चीनी मिलों की आर्थिक सेहत पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
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