अगरबत्ती उद्योग को संकट से उबारने के लिए सरकार उठाएगी यह कदम

अगरबत्ती उद्योग को संकट से उबारने के लिए सरकार उठाएगी यह कदम
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नई दिल्लीः देश के अगरबत्ती उद्योग को संकट से उबारने के लिए सरकार कदम उठाने जा रही है। अगरबत्ती की मांग इजाफा तो हो रहा है मगर इस बीच देसी अगरबत्ती उद्योग पर संकट मंडरा रहा है। आयात पर भारी छूट ने देसी अगरबत्ती उद्योग की कमर तोड़ दी है। इसलिए अब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अगरबत्ती उद्योग की सुध ली है। खबर के अनुसार देसी अगरबत्ती उद्योग को पटरी पर लाने के लिए जल्द ही एक योजना बनाई जाएगी। इस संदर्भ में दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक भी होगी।

बैठक में राउंड बैंबू स्टिक या अगरबत्ती के कच्चे माल पर आयात शुल्क बढ़ाने पर विचार होगा। इंडो-आसियान फ्री ट्रेड ऐग्रिमेंट के तहत बीते सालों में अगरबत्ती के कच्चे माल पर लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती हुई थी। इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती होने से भारतीय बाजार में चीन और वियतनाम से आयातित बैंबू (बांस) ज्यादा हो गया।

एक अनुमान के मुताबिक, साल भर में करीब 800 करोड़ रुपये की राउंड बैंबू स्टिक और अगरबत्ती का कच्चा माल आयात हो रहा है। पहले अगरबत्ती की कीमत 70 रुपये किलो थी, जो अब घटकर 48 रुपये किलो पर आ गई है। सरकारी आंकड़ा के अनुसार साल 2009 में भारतीय अगरबत्ती आयात पर निर्भरता महज दो फीसदी थी, जो अब 80 फीसदी तक पहुंच गई है। अगरबत्ती के कारोबार से जुड़े एमएसएमई कीमतों के मोर्चे पर भी संकट से जूझ रहे हैं।

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