नई दिल्लीः कर्ज के बोझ से दबी सरकारी क्षेत्र की विमानन कंपनी एयरइंडिया को सरकार बेचने की तैयारी लगभग पूरी कर चुकी है। बीते कई दिनों से सरकार इसे निजी हाथों में सौंपने की बात कह चुकी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में मंत्रियों का समूह एयर इंडिया का कर्ज चुका दिए जाने लायक रिजर्व प्राइज तय करेगा। इसके साथ ही मंत्रियों का यह समूह कंपनी के विक्रय से संबंधित कई और मुश्किलों पर मंथन करेगा। इनमें कंपनी के कर्मचारियों की सेवा से संबंधित तकनीकी समस्याओं का निपटारा भी होगा।
कंपनी के रिटायर्ड या जल्द रिटायर्ड होने वाले कर्मचारियों को दी जा रही मेडिकल सुविधाओं को लेकर भी किसी नतीजे की तलाश की जाएगी। सूत्रों के अनुसार सरकार एयर इंडिया की बिक्री के लिए जरूरी प्रावधानों को सुनिश्चत करने के बाद इससे पूरी तरह से अलग हो जाएगी। मंत्रियों के इस समूह में अमित शाह के अलावा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, कॉमर्स और रेल मंत्री पीयूष गोयल और नागरिक विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी शामिल हैं। पिछले एक साल में देश का एविएशन माहौल बदल चुका है।
निजी विमानन कंपनी जेट एयरवेज के 18 अप्रैल से परिचालन में नहीं रहने के चलते भी चीजें बदली हैं। सेंटर ऑफ एशिया पैसेफिक एविएशन के सीईओ कपिल कौल के मुताबिक पिछले साल की तुलना में इस साल चीजें सकारात्मक हैं। अगर कंपनी की कुछ मूलभूत समस्याओं को दूर कर दिया गया तो निश्चित तौर पर निवेशक इसमें रुचि दिखाएंगे। अतीत में सरकार इसे बेचने में विफल रही है।
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