नई दिल्लीः चीनी कंपनी हुवावेई पर केंद्र सरकार देश हित को ध्यान में रखते हुए उसे 5G ट्रायल में भाग लेने की इजाजत देगी। टेलीकॉम डिपार्टमेंट के एक वरीय अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है। विभाग को उम्मीद है कि दिसंबर के आखिर या जनवरी तक स्पेक्ट्रम का ऑक्शन कर लिया जाएगा। इसके लिए डिजिटल कम्युनिकेशन कमीशन (डीसीसी) एयरवेब्स के आधार मूल्य को लेकर फैसला करेगा, जिसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। डीसीसी दूरसंचार विभाग में निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था है।
दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश ने संवाददाताओं से कहा, ''हम इस महीने एक बैठक कर चुके हैं। डीसीसी की एक बैठक अगले महीने किसी भी समय पर हो सकती है। हालांकि उन्होंने इस बारे में कुछ भी नहीं कहा कि आगामी बैठक में स्पेक्ट्रम की कीमतों को लेकर कोई फैसला हो सकता है या नहीं। उन्होंने इस बारे में कहा कि दिसंबर के आखिर या जनवरी में ऑक्शन होना है, ऐसे में हमें उससे पहले इस बारे में फैसला करना है। अब हमें देखना होगा कि इस बारे में इस बैठक में फैसला होगा या अगली बैठक में।
चीन की टेलीकॉम गियर बनाने वाली कंपनी से जुड़े प्रश्न के उत्तर में दूरसंचार सचिव ने कहा कि सरकार का रुख बहुत साफ है। सरकार वही फैसला लेगी जो राष्ट्रीय हित में होगा। उन्होंने इस निर्णय के लिए समयसीमा नहीं बताई। इस महीने की शुरुआत में हुवावेई ने कहा कि उसे उम्मीद है कि भारत की सरकार सभी तरह के विदेशी निवेश को निष्पक्ष तरीके से देखेगी। उसने भारत से देश में 5जी ट्रायल की अनुमति देने के लिए आजाद ख्याल के साथ निर्णय लेने का निवेदन किया था।
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