नई दिल्लीः केंद्र सरकार इन दिनों फंड इकट्ठा करने के लिए तमाम विकल्पों को आजमा रही है। सरकार को भारी नकद की आवश्यकता है ताकि वह बाजार में पैसा डाल सके। सरकार चाहती है कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) की अहम हिस्सेदारी वैश्विक स्तर की कोई पेट्रोलियम कंपनी खरीदे। इससे देश के पेट्रोलियम सेक्टर में ना सिर्फ बड़ी विदेशी कंपनी के आने का रास्ता साफ होगा बल्कि घरेलू बाजार में प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी, जिसका फायदा अंतत: ग्राहकों को होगा।
केंद्र सरकार इसी उद्देश्य से दुनिया के प्रमुख पेट्रोलियम हब में बीपीसीएल की इक्विटी बिक्री के लिए रोड शो करने जा रही है। इसके लिए खास तौर पर पेट्रोलियम मंत्रालय और वित्त मंत्रलय के अधिकारी मिलकर ह्यूस्टन, दुबई, टोक्यो जैसी जगहों पर रोड शो में भाग लेंगे। ब्रिटिश पेट्रोलियम, एक्सॉन, शेल, कुवैत पेट्रोलियम जैसी कंपनियों को आकर्षित करने की खास तौर पर कोशिश की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, हाल के दिनों में भारत के पेट्रोलियम सेक्टर में दुनिया भर की पेट्रोलियम कंपनियों की खास रुचि देखने को मिली है।
सऊदी अरब की अरैमको भारत के पश्चिमी तट पर 44 अरब डॉलर की नई रिफाइनरी लगाने में निवेश कर रही है। साथ ही इसने रिलायंस समूह की जामनगर रिफाइनरी में 20 फीसद हिस्सेदारी (15 अरब डॉलर में) भी खरीदी है। इसके अलावा बीते हफ्ते ह्यूस्टन में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में भी दिग्गज पेट्रोलियम कंपनियों के सीईओ उपस्थित थे। उनमें से कई ने व्यक्तिगत तौर पर पीएम मोदी से मिलकर भारत में निवेश करने की इच्छा जताई थी।
RBI का बड़ा फैसला, अब एटीएम से नहीं निकलेंगे 2000 रुपए के नोट
प्याज़ के बाद अब टमाटर ने बढ़ाई लोगों की चिंता, आसमान पर पहुंचे दाम