नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार ने बजट में 4 योजनाओं का नाम बदल दिया है। दरअसल ये योजनाऐं पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर चलाई जा रही थीं। उल्लेखनीय है कि योजनाओं, सड़कों, मार्गों, भवनों और अन्य धरोहरों के नामों को बदले जाने की राजनीतिक परंपरा रही है। जब भी एक दल सत्ता में आता है तो वह दूसरे दल द्वारा दिए गए नाम को परिवर्तित कर देता है। इसी सिलसिले में अब पंचायती राज मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले राजीव गांधी पंचायत सशक्तिकरण अभियान का नाम पंचायत सशक्तिकरण अभियान ही रह जाएगा।
इस अभियान के नाम से भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी का नाम हटा दिया गया है। दरअसल केंद्र सरकार ने इस बार के बजट में इन योजनाओं के नामों को बदले जाने का प्रस्ताव सामने रखा। ऐसे में 4 योजनाओं का नाम बदला गया। उल्लेखनीय है कि 1 अप्रैल से इस योजना को नए नाम से जाना जाएगा। यही नहीं सरकार ने दिव्यांगों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति राजीव गांधी राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना का नाम बदलकर राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त इस मामले में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।
अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को प्रदान करने हेतु राजीव गांधी राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना को राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना ही कहा गया है। दरअसल इन नामों से भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी का नाम हटा दिया गया है। सरकार ने पहले भी राजीव गांधी ऋण योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री आवास योजना कर दिया गया था। इसके अतिरिक्त ग्रामीण विद्युतीकरण योजना का नाम भी बदल दिया गया और इसे दीनदयाल उपाध्याय का नाम दिया गया। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार योजना के कांग्रेसीकरण को हटाना चाहती है।
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