नई दिल्लीः केंद्र की मोदी सरकार मंदी से उबरने के लिए तमाम तरह के प्रयासों पर काम कर रही है। सरकार देश में चल रही मंदी से उद्योग धंधे को उबारने कि लिए कई बड़े फैसले ले रही है। सरकार ने इस कड़ी में इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश करने का लक्ष्य रखा है। सरकार ने इसके लिए टास्क फोर्स का गठन किया है। यह ऐसी परियोजनाओं की पहचान करेगी जिन पर 100 लाख करोड़ का खर्च होना है। सरकार ने पांच टिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने के लिए साल 2024-25 तक इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 100 लाख करोड़ की राशि खर्च करने का लक्ष्य रखा है।
टास्क फोर्स की अध्यक्षता वित्त मंत्रलय में आर्थिक मामलों के सचिव को सौंपी गई है। यह टास्क फोर्स एक ‘नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन’ का खाका तैयार करेगी। पाइपलाइन में शामिल परियोजनाओं पर ही इस राशि का निवेश किया जाएगा। इनमें 100 करोड़ रुपये की लागत वाली ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड परियोजनाओं को जगह मिलेगी। टास्क फोर्स में विभिन्न मंत्रलयों के सचिवों, अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और नीति आयोग के सीईओ को बतौर सदस्य शामिल किया गया है।
वरिष्ठ नौकरशाहों की यह टीम परियोजनाओं की टेक्निकल संभावनाओं और वित्तीय व आर्थिक वाएबिलिटी की पहचान करेगी। इसके तहत ऐसी परियोजनाओं का चयन किया जाएगा जिन्हें साल 2019-20 में शुरू किया जा सकता है। साथ ही वित्त वर्ष 2020-21 से लेकर 2024-25 तक की अवधि में शामिल हो सकने योग्य परियोजनाओं की पहचान की जाएगी।
इससे देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की एक पाइपलाइन तैयार की जा सकेगी। पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले से संबोधन में पांच साल में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 100 लाख करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की थी। इसमें सामाजिक और आर्थिक इन्फ्रास्ट्रक्चर दोनों तरह की परियोजनाएं शामिल होंगी। कुछ दिन पहले भी नितीन गडकरी इस सेक्टर में भारी निवेश की बात कह चुके हैं।
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