नई दिल्ली। एनडीए सरकार पर आरोप लगे हैं कि वह किसी भी तरह के आतंकी हमले को नहीं रोक पाई हैै। इतना ही नहीं वह पठानकोट में होने वाले हमले के बाद अलर्ट तक नहीं हुई है। पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम के नेतृत्व में समिति ने पठानकोट हमले की जांच में होने वाली देरी को लेकर कई तरह के प्रश्न पैदा कर दिए हैं। इस समिति का नेतृत्व पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम कर रहे हैं और उन्होंने पठानकोट मसले में जांच में लेतलाली बरते जाने पर अपनी आपत्ती ली है।
समिति द्वारा कश्मीर में होने वाले आतंकी हमले की निंदा की गई। समिति का कहना है कि गृहमंत्रालय के कार्य करने के तरीके काफी ढुलमुल हैं। दरअसल पठानकोट में हुए हमले के करीब 1 वर्ष बाद इस मामले की जांच की गई। समिति को लेकर कई तरह के सवाल किए गए। समिति ने इस मामले में सवाल किया कि पाकिस्तान जेआईटी को भारत आने की अनुमति देने के पूर्व बदले में जांच हेतु भारतीय दल को आने की अनुमति देता है।
केंद्रीय गृहमंत्रालय के कार्य को लेकर सुरक्षा समिति ने विभिन्न बातोें पर ध्यान दिया इस दौरान सदस्यों ने मांग की कि नार्को सिंडिकेट को लेकर भी जांच करना चाहिए। पंजाब प्रांत में जिन तत्वों की सक्रियता है उसे लेकर जोंच करने की जरूरत है।
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