नई दिल्ली : नोट बन्दी के बाद सरकार के समक्ष आयकर संशोधन बिल की जरूरत महसूस की जा रही थी, ताकि नोट बन्दी के बाद सामने आने वाली अघोषित आय को कर ढांचे में शामिल किया जा सके क्योंकि आयकर के वर्तमान कानून में इसके प्रावधान नहीं था. इसलिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को लोकसभा में आयकर संशोधन बिल पेश किया. इस संशोधन बिल में सरकार ने अघोषित आय पर टैक्स, सेस और सरचार्ज लगाने का प्रस्ताव रखा है. बता दें कि नोटबंदी के बाद काले धन को सामने लाने के लिए सरकार ने ये कदम उठाया है. इसमें लोगों को अपने अघोषित आय की जानकारी देने और उस पर जुर्माने के साथ उसे व्यवस्था में लाने के प्रावधान किए गए हैं.
आइये जानते हैं इस नए आयकर संशोधन बिल में क्या-क्या प्रावधान किये गए हैं. अब अघोषित आय की घोषणा करने पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा. इसके अलावा अघोषित आय पर 10 फीसदी पेनल्टी भी लगेगी अर्थात 30 फीसदी टैक्स और 10 फीसदी जुर्माना मिलाकर अघोषित आय पर कुल 40 फीसदी टैक्स लगेगा. टैक्स का 33 फीसदी सरचार्ज के तौर पर अलग से वसूला जाएगा. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना टैक्स का नया प्रस्ताव रखा गया है. इस सरचार्ज को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना सेस का नाम दिया गया है. यही नही यानी खुद घोषणा न करने वालों को पकड़े जाने पर अघोषित आय पर कुल 85 फीसदी टैक्स देना होगा और अघोषित आय की घोषणा करने वाले को आय का 25 फीसदी जमा करना होगा.
बता दें कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को भारी हंगामे के बीच लोकसभा में आयकर संशोधन बिल पेश किया. ये कानून 8 नवंबर की रात को हुए नोटबंदी की घोषणा के बाद हुए लेन-देन पर लागू होगा. यदि विशेषज्ञों की मानें तो इस बिल संशोधन को कालेधन रखने वालों को एक और मौका देने के रूप में देखा जा रहा है.
इसीलिए इस बिल को इस संशोधन को कालेधन रखने वालों को एक और मौका देने के रूप में देखा जा रहा है. इस बिल को मनी बिल की तरह पेश किया गया, जिससे राज्यसभा में बिल के पास होने में कोई समस्या नहीं आएगी. इस संशोधित बिल में एक अहम बिंदु यह है कि अघोषित आय जमा कराने वाले लोगों के नाम उजागर नहीं किये जाएंगे. इस बिल में 30 दिसंबर तक गरीब कल्याण योजना को बंद भी प्रस्तावित है.