नई दिल्ली: केंद्र सरकार के एक आदेश के अनुसार भारत, जो कि चावल का सबसे बड़ा निर्यातक देश माना जाता है, वो चावल (गैर-बासमती) के निर्यात पर सब्सिडी उपलब्ध करवाएगा, ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार विदेशी बिक्री को बढ़ावा देना चाहती है. 22 नवंबर को जारी किए गए इस आदेश में व्यापार मंत्रालय ने बताया है कि सरकार अगले चार महीनों तक यानी 25 मार्च 2019 तक चावल के निर्यात पर 5 फीसद की सब्सिडी उपलब्ध करवाएगी.
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अप्रैल-सितंबर अवधि के दौरान भारत का चावल निर्यात पिछले वर्ष के मुकाबले 9.6 फीसद गिरकर 5.8 मिलियन टन के स्तर पर पहुंच गया था, जिसके बाद भारत की चिंताएं बढ़ गई थी. भारत के चावल के सबसे बड़े खरीदार बांग्लादेश ने आयात कम कर दिया था क्योंकि वहां पर स्थानीय पैदावार उनके लिए पर्याप्त हो गई थी.
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ओलम इंडिया में राइस बिजनेस के वाइस प्रेसिडेंट नितिन गुप्ता ने बताया कि यह सब्सिडी अगले कुछ महीनों में चावल निर्यात को बढ़ावा देने में सहायक होगी. आपको बता दें कि भारत में चावल का निर्यात इस वर्ष काफी कमजोर रहा है, क्योंकि रुपया कमजोर होने की वजह से अन्य मुद्राओं में लेन-देन करने वालों के लिए अनाज को सस्ता बना दिया था, लेकिन अब रुपया भी मजबूत हुआ है, तो सरकार सब्सिडी देकर चावल निर्यात को वापिस अपने स्तर तक लाने के प्रयास में है.
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