जिस तरह से दुनियाभर में कोरोना की मार बढ़ती जा रही ठीक वैसे ही महामारी और कुपोषण का वार भी तेज होता जा रहा है। इस वायरस के कारण आज पूरा का पूरा देश परेशान है। हर दिन कोई न कोई कोरोना की चपेट में आ कर अपनी जान खो रहा है। वहीं इस वायरस से अब तक निपटने का कोई निजात नहीं मिल पाया है। इसी बीच संसद में भी कोरोना काल में फैली महामारी और कुपोषण पर चर्चा की जा रही है।
महिला और बाल विकास विभाग और आयुष मंत्रालय ने रविवार को कुपोषण के संयुक्त प्रबंधन के लिए समझौता ज्ञापन (MOU) पर साइन कर दिए है। इस बीच महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी भी शामिल रही। जिसके साथ ही केंद्र सरकार अब योग शिक्षा को ग्रामीण स्तर तक ले जाने में लग गए है। केंद्र सरकार आंगडबाड़ी केंद्रों में बच्चों को योग सिखाने के लिए एक प्रोजेक्ट शुरू करने की तैयारी कर रहे है।
वहीं इस बात का पात चला है महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बोला है कि, इस MOU के तहत पहली बार इस पायलट टेस्ट केस के द्वारा योग प्रशिक्षकों को चुनिंदा राज्यों में चयनित आंगनबाड़ियों में भेजा जाने वाला है। ताकि हम योग को बचपन से ही अपने बच्चों के जीवन का अभिन्न अंग बनाने में मदद मिल सके। केंद्रीय मंत्री ने बोला कि, एक गलत धारणा यह भी है कि गर्भवती महिलाएं योगा नहीं कर सकती हैं, खासकर प्राणायाम। आयुष विभाग के साथ यह समझौता इस भ्रांति को तोड़ने में हमारे लिए उचित साबित होगा।
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