नई दिल्ली: देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान पेट्रोल-डीजल पर टैक्स बढ़ाने से केंद्र सरकार को 2.25 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा. ब्लूमबर्ग इंटेलीजेंस ने यह अनुमान जताया है. बता दें कि क्रूड आयल की कीमतों में रिकॉर्ड गिरावट के बाद भी केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी और अन्य टैक्स में इजाफा कर दिया था.
बता दें कि मई माह में केंद्र सरकार ने डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर और पेट्रोल पर 10 रुपये प्रति लीटर की एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी थी. इस प्रकार देश में ईंधन पर सबसे अधिक टैक्स हो गया था. इसके अतिरिक्त सरकार ने ईंधन पर रोड सेस भी 8 रुपये लीटर भी बढ़ा दिया था. कोरोना महामारी के बीच वित्तीय संकट से जूझ रही राज्य सरकारों ने भी हाल में पेट्रोल-डीजल पर वैट में इजाफा किया है. कोरोना संकट के कारण दिल्ली, असम, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल जैसे प्रदेशों का राजस्व 90 फीसदी तक गिर गया है.
ईंधन की लगातार बढ़ रही कीमतों पर जानकारों का कहना है कि इस अतिरिक्त राजस्व के कारण सरकार को कोरोना संकट से हो रहे भारी आर्थिक नुकसान से निपटने में सहायता मिलेगी. केंद्र सरकार को गरीबों और प्रवासियों के लिए कल्याणकारी योजनाएं चलाने में भी सहयोग प्राप्त होगा.
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