नई दिल्लीः केंद्र सरकार सुरक्षा व्यवस्था के प्रति काफी चौंकन्ना हैं। देश की सुरक्षा के लिए सरकार हर मुमकिन कदम उठा रही है। इसी कड़ी में सरकार घरेलू हवाई यात्रियों के सफर पर नजर रखेगी। हवाई कंपनियों को घरेलू यात्रियों का पूरा डाटा नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड (नेटग्रिड) के साथ साझा करने का सुझाव दिया गया है। हालांकि अभी इस पर विमानन कंपनियों और नागर विमानन मंत्रालय व डीजीसीए ने किसी तरह का फैसला नहीं लिया है।
अभी विमानन कंपनियां विदेश जाने वाले और वहां से आने वाले सभी यात्रियों का डाटा कस्टम और आव्रजन ब्यूरो के साथ साझा करती है। एक अखबार में छपे रिपोर्ट के मुताबिक, डीजीसीए, नागर विमानन मंत्रालय और नेटग्रिड के अधिकारियों ने 30 अगस्त को बैठक की थी। इसमें हवाई यात्रियों का डाटा शेयर करने के लिेए कहा गया था। नागर विमानन मंत्रालय और डीजीसीए ने सुझाव दिया है कि एक एजेंसी को साथ डाटा साझा किया जा सकता है।
नेटग्रिड के पास सारा डाटा जाएगा, वो आगे चलकर आईबी, रॉ, सीबीआई, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड, डीआरआई, ईडी, नॉरकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय, कस्टम, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड और वित्तीय इंटेलिजेंस यूनिट के साथ साझा किया जा सकता है। बता दें कि नेटग्रिड का गठन 2008 में हुआ था। इसका गठन तत्कालीन गृह मंत्री और अभी जेल में बंद पी चिदंबरम ने की थी। उस वक्त विपक्ष में बैठी भाजपा ने इसका तीखा विरोध किया था।
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