भोपाल/ब्यूरो। प्रदेश की राजधानी भोपाल में दो और तीन दिसंबर 1984 की मध्यरात्रि को यूनियन कार्बाइड फैक्टरी में जहरीली मिथाइल आइसोसाइनेट गैस का रिसाव होने के बाद 3,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी जबकि 1.02 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए थे।
केंद्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 1984 के भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को और ज्यादा मुआवजा दिलाया जाएगा। सरकार ने कहा कि अमेरिका की यूनियन कार्बाइड कारपोरेशन (यूसीसी) का मालिकाना हक हासिल करने वाली कंपनियों से 7,844 करोड़ रुपये का अतिरिक्त मुआवजा दिलाने के लिए वह अपनी क्यूरेटिव पिटीशन को आगे बढ़ाएगी।
न्यायमूर्ति एसके कौल की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने अटार्नी जनरल (एजी) आर वेंकटरमानी की दलीलों को सुनने के बाद केंद्र को इस संबंध में आठ सप्ताह के भीतर एक रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा कि सरकार भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों का प्रतिनिधित्व करे। इस संबध में अगली सुनवाई 10 जनवरी को होगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहा था कि अतिरिक्त निधि की मांग करते हुए वह क्यूरेटिव पिटीशन दायर करना चाहती है या नहीं।
दो पहिया वाहन चालकों पर सख्त दिखी ट्रैफिक पुलिस
क्षतिग्रस्त पुलिया पर पलटा ट्रक, चालक और परिचालक घायल
अधूरा ही रह गया पुल, ग्रामीणों को करना पड़ रहा समस्याओ का सामना