नई दिल्ली: गैंगस्टर अबू सलेम की तरफ से मुंबई सीरियल ब्लास्ट और प्रदीप जैन से जबरन वसूली के मामले में दी गई सजा को चुनौती देने वाली याचिका पर मंगलवार को भी केंद्रीय गृह सचिव का हलफनामा सर्वोच्च न्यायालय में दायर नहीं हो पाया है. मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने केंद्र सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला से मौखिक जानकारी लेकर उसे न्यायालय तक पहुंचाया जाए.
पिछली सुनवाई में अदालत ने कहा था कि केंद्रीय गृह सचिव से सलेम के प्रत्यर्पण के वक़्त भारत के तत्कालीन उप प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए आश्वासन पर क्या भारत सरकार आज भी पालन करेगी? अदालत ने कहा था कि केंद्रीय गृह मंत्रालय इस मसले पर जवाब दायर करे. बता दें कि आजीवन कारावास की सजा काट रहे गैंगस्टर अबू सलेम ने शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल की है. इस याचिका में सजा कम करने की मांग की गई है. अबू सलेम ने कहा है कि, उसे गैर-कानूनी तरीके से भारत में रखा गया है. भारत सरकार को उसे पुर्तगाल को प्रत्यर्पित कर देना चाहिए.
क्या है पूरा मामला?
पुर्तगाल से प्रत्यर्पण के वक़्त भारत सरकार की तरफ से आश्वासन दिया गया था कि किसी भी मामले में 25 वर्ष से अधिक सजा नहीं दी जाएगी. अबू सलेम इसी वादे का हवाला देते हुए सजा कम करने की मांग कर रहा है. शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल कर सलेम ने कहा है कि उसे उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. हालांकि, सीबीआई की तरफ से हलफनामा दायर कर कहा गया है कि वह 2002 में दिए गए आश्वासन को मानने के लिए बाध्य नहीं है. बता दें कि इस मामले पर सुनवाई करते हुए पिछले दिनों शीर्ष अदालत ने गृह सचिव को हलफनामा दाखिल करने का आदेश देते हुए कहा था कि, क्या सरकार अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को नहीं मानेगी. इसका प्रभाव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होगा, जिसके परिणाम दूरगामी होंगे. भविष्य में भी आपको किसी को प्रत्यर्पण करके भारत लाना होगा.
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