नई दिल्ली: 15 अगस्त से पहले केंद्र सरकार ने राज्यों को राष्ट्रीय ध्वज को लेकर विशेष निर्देश दिया है। केंद्र ने राज्य सरकारों से कहा है कि वो यह सुनिश्चित करें कि लोग प्लास्टिक के राष्ट्रीय झंडे का इस्तेमाल न करें। स्वतंत्रता दिवस से पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस संबंध में एक पत्र भेजा है।
इस पत्र में कहा गया है कि तिरंगा देश के लोगों की आशाओं, आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए इसका पूरा सम्मान किया जाना चाहिए। सरकार का कहना है कि प्लास्टिक से निर्मित तिरंगे का उचित निपटान एक व्यवहारिक समस्या है। गृह मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि कई अवसरों पर जैसे राष्ट्रीय, सांस्कृतिक और खेल आयोजनों पर कागज के बने तिरंगे की जगह प्लास्टिक से बने राष्ट्रीय झंडे का इस्तेमाल किया जा रहा है। साथ ही कहा गया है राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा के अनुरूप प्लास्टिक से बने तिरंगे का उचित निपटान करने में व्यवहारिक दिक्कत है।
गृह मंत्रालय की तरफ से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि ऐसे आयोजनों पर भारतीय ध्वज संहिता 2002 के प्रावधानों के हिसाब से सिर्फ कागज के बने राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल होना चाहिए। साथ ही इस बात का भी विशेष ध्यान रहे कि कार्यक्रम के बाद राष्ट्रीय ध्वज को जमीन पर नहीं फेंका जाए। राष्ट्रीय ध्वज के लिए सबके मन में स्नेह और वफादारी है, फिर भी तिरंगे के प्रदर्शन पर लागू होने वाले कानूनों और परंपराओं के बारे में जागरुकता की कमी है।
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