नई दिल्ली: मोदी कैबिनेट के विस्तार और फेरदबल से एक दिन पहले केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए मंगलवार को एक अलग मंत्रालय का गठन कर दिया है। इसका नाम 'मिनिस्ट्री ऑफ को-ऑपरेशन' (सहकारिता मंत्रालय) रखा गया है। 'सहकार से समृद्धि' के सपने को साकार करने के लिए मोदी सरकार ने यह नया मंत्रालय बनाया है। बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में अलग सहकारिता मंत्रालय काे लेकर बजट में ऐलान किया था। ऐसे में सरकार ने इसे लेकर अपना वादा पूरा किया है।
नया मंत्रालय देश में सहकारिता आंदोलन को सशक्त करने के लिए अलग प्रशासनिक, कानूनी और नीतिगत ढांचा उपलब्ध कराएगा। यह सहकारी समितियों को जमीनी स्तर तक पहुंचने में सहायता करेगा। इसके माध्यम से को-ऑपरेटिव्ज यानी सहकारी समितियां लोगों से गहराई से जुड़ सकेंगी। देश में सहकारिता आधारित आर्थिक विकास का मॉडल बेहद प्रासंगिक है। इस मॉडल में हर मेंबर जिम्मेदारी की भावना के साथ काम करता है। मंत्रालय सहकारी समितियों के लिए 'व्यापार सुगमता' यानी ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की प्रक्रियाओं को सरल बनाएगा। इसके साथ ही मल्टी-स्टेट को-ऑपरेटिव्ज (MSCS) के विकास को सक्षम करने के लिए कार्य करेगा।
केंद्र सरकार ने कम्यूनिटी आधारित डेवलपमेंटल पार्टनरशिप के प्रति अपनी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाया है। अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से की गई बजट घोषणा का हिस्सा था।
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