नई दिल्ली: कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच देश में ब्लैक फंगस (म्यूकोरमायकोसिस) का संक्रमण कहर बरपा रहा है। इसके संक्रमण के मद्देनज़र केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से इसे महामारी घोषित करने के निर्देश दिए हैं। बीते एक महीने में पूरे देश में इसके 5,000 से भी अधिक संक्रमित मिल चुके हैं और 100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
केंद्र सरकार के निर्देश पर असम, ओडिशा, राजस्थान, तेलंगाना, तमिलनाडु, पंजाब और हरियाणा सरकार ने महामारी एक्ट की धारा 1897 के तहत ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया है। इस बीच केंद्र सरकार ने इसके उपचार के लिए भारत सीरम, मिलन, बीडीआर फार्मा, सन फार्मा, लाइफ केयर और सिप्ला के बाद पाँच और कंपनियों एमक्योर फार्मा, नेटको, गुफिक बायोसाइंसेज, एलेंबिक फार्मा और लयका फार्मा को ब्लैक फंगस के उपचार में काम आने वाली दवा (एंफोटेरेसिन बी) बनाने की इजाजत दे दी है। इसी के साथ देश में म्यूकोरमायकोसिस की दवा निर्मित करने वाली 11 कंपनियाँ हो गई हैं।
इस बारे में जानकारी देते हुए रसायन एवं उर्वरक राज्यमंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि देश में ब्लैक फंगस के इंजेक्शन (एंफोटेरेसिन बी) को बना रही कंपनियों से प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए पहले ही कहा जा चुका है। मंडाविया ने कहा कि ब्लैक फंगस के उपचार में काम आने वाली एंटी-फंगल दवा एंफोटेरेसिन बी की कमी दूर करने का हर कोशिश की जा रही है। मंडाविया ने बताया कि भारतीय कंपनियों ने भी एंफोटेरेसिन बी (AmphotericinB) की 6 लाख वाइल्स के इम्पोर्ट के ऑर्डर दिए हैं।
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