शिक्षा-स्वास्थ्य-रोज़गार से लेकर रेल-हवाई कनेक्टिविटी तक..! कैसे झारखंड की तस्वीर बदल रही केंद्र सरकार

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रांची: झारखंड, जो खनिज और वन संपदा से भरपूर राज्य है, वर्षों से विकास की दौड़ में पीछे रहा, खासकर वंशवादी राजनीति और प्रशासनिक अड़चनों के कारण। हालांकि, पिछले एक दशक में केंद्र सरकार ने झारखंड के विकास पर विशेष ध्यान दिया है और इसे देश की मुख्यधारा में लाने के लिए कई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं की शुरुआत की है। प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में झारखंड के प्रमुख शहरों को देशभर से जोड़ने वाली सेमी-हाई-स्पीड वंदे भारत ट्रेन सेवाओं का विस्तार किया, जिससे राज्य की कनेक्टिविटी में बड़ा सुधार हुआ है।

रेलवे कनेक्टिविटी:-

झारखंड के शहर अब टाटानगर-पटना, देवघर-वाराणसी और टाटानगर-बेरहामपुर जैसे प्रमुख मार्गों से जुड़ चुके हैं। इससे न केवल यात्रा का समय कम हुआ है, बल्कि राज्य में धार्मिक और औद्योगिक पर्यटन को भी बल मिला है। इन परियोजनाओं के माध्यम से झारखंड में विकास की गति तेज हुई है, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि राज्य सरकार इस विकास में केंद्र सरकार का सहयोग करे। अगर राज्य सरकार केंद्र के साथ मिलकर काम करती है, तो विकास और तेज़ी से हो सकता है।

पिछले वर्षों में केंद्र ने रांची-पटना और रांची-हावड़ा मार्गों पर भी वंदे भारत ट्रेन सेवाएं शुरू की हैं, जिससे यात्रियों को सुविधा मिली है। इसके साथ ही, रेलवे परियोजनाओं जैसे रांची-लोहरदगा-टोरी रेलवे लाइन के नवीकरण और विद्युतीकरण से भी राज्य के यात्री और माल ढुलाई सेवाओं में सुधार हुआ है। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत स्टेशनों का आधुनिकीकरण और महत्वपूर्ण रेल मार्गों का दोहरीकरण राज्य के लॉजिस्टिक्स और ट्रांजिट इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर रहा है।

हवाई कनेक्टिविटी:-

हवाई यातायात के क्षेत्र में भी केंद्र ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। देवघर एयरपोर्ट की शुरुआत ने धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया है और बाबा बैद्यनाथ धाम आने वाले यात्रियों को बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं। इसके साथ ही, बोकारो और दुमका में नए हवाई अड्डे बनाने की भी योजना है, जिससे झारखंड की हवाई कनेक्टिविटी में और सुधार होगा।

रोज़गार के लिए उद्योगों को बढ़ावा:-

औद्योगिक क्षेत्र में भी केंद्र ने झारखंड में एलपीजी बॉटलिंग प्लांट और सिंदरी नैनो यूरिया संयंत्र जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स शुरू किए हैं, जो स्थानीय ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ किसानों को किफायती उर्वरक उपलब्ध करा रहे हैं। इसके अलावा, झारखंड को पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर में भी शामिल किया गया है, जो राज्य के औद्योगिक विकास में सहायक साबित हो रहे हैं।

शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष फोकस:-

केंद्र ने राज्य के शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में भी सुधार पर ध्यान केंद्रित किया है। आदिवासी बच्चों के लिए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा रही है। वहीं, स्वास्थ्य के क्षेत्र में एम्स देवघर की स्थापना और आयुष्मान भारत योजना के तहत लाखों लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं।

यह सच है कि केंद्र सरकार झारखंड के विकास में निरंतर प्रयास कर रही है, लेकिन अगर राज्य सरकार राजनीतिक कारणों से इन विकास परियोजनाओं में सहयोग नहीं करती, तो इसका नुकसान सीधे जनता को भुगतना पड़ता है। अगर राज्य सरकार केंद्र के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करे, तो झारखंड के विकास को और गति मिल सकती है।

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