नई दिल्ली: देश की राजधानी की सरहदों पर जारी किसान आंदोलन को लेकर ट्विटर हैंडल पर आपत्तिजनक कंटेंट और विवादित हैशटैग से संबंधित सभी URL को ब्लॉक करने में लापरवाही करने पर भारत सरकार ट्विटर के खिलाफ अब कड़ी कार्रवाई कर सकती है. केंद्र सरकार ने सख्त नाराजगी जताते हुए कहा है कि ट्विटर सरकार के निर्देश का पालन आधे-अधूरे मन से कर रहा है जिसे बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.
केंद्र सरकार के आईटी मंत्रालय के अनुसार, ट्विटर ने अमेरिका के कैपिटल हिल हिंसा मामले में वहां की सरकार के निर्देश का तत्काल पालन किया, किन्तु किसानों के नरसंहार जैसे भ्रामक व दुष्प्रचार वाले ट्वीट को हटाने में आनाकानी और अभिव्यक्ति की आजादी का पाठ भारत को पढ़ा रहा है. बता दें कि ट्विटर और भारत सरकार के बीच जारी टकराव के बीच बुधवार को केंद्र के आईटी सेक्रेटरी और ट्विटर के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच एक वर्चुअल बैठक हुई, जिसमें ट्विटर से सरकारी नियमों के अनुपालन करने और लोकतांत्रिक संस्थाओं का सम्मान बनाए रखने को कहा गया है.
सरकार ने कहा कि किसी भी कंपनी को देश में होने पर भारतीय संसद के द्वारा पारित कानूनों का पालन करना ही पड़ेगा, भले ही इससे अलग कंपनियों के नियम जैसे भी हों. बता दें कि ट्विटर ने बुधवार को 500 से ज्यादा एकाउंट को सस्पेंड कर दिया है, किन्तु उसने अभिव्यक्ति की आजादी को अक्षुण्ण रखने की आवश्यकता का हवाला देते हुए ‘पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं नेताओं के एकाउंट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.’ जिसके बाद सरकार ने किसान आंदोलन के संबंध में दुष्प्रचार और भड़काऊ बातें फैला रहे अकाउंट और हैशटैग के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने में ट्विटर के देरी करने पर बुधवार को ‘कड़ी नाराजगी’ प्रकट की है.
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