नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज संसद के निचले सदन में इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट पर बैन लगाने वाला बिल (इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट प्रतिषेध विधेयक 2019) प्रस्तुत किया. इस बिल में ई-सिगरेट के विरुद्ध बगैर वारंट के छापा और जब्ती का प्रावधान है. यदि किसी के पास ई-सिगरेट पाई गई तो 1-3 वर्ष की कैद और 1-5 लाख रुपए जुर्माना भी लग सकता है.
यह बिल इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट के उत्पादन, प्रोडक्शन, आयात, निर्यात, खरीदने, बेचने, भंडारण करने सहित इसके विज्ञापनों पर प्रतिबन्ध लगाता है. बता दें कि गृह मंत्रालय ने सितंबर में जारी एक अध्यादेश के मुताबिक, राज्यों से ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने को कहा था. सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रमुख सचिव और पुलिस महानिदेशक को खत भेज कर गृह मंत्रालय ने इसके सेवन से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले घातक प्रभाव को देखते हुए इस पर बैन लगाने के लिए कहा गया.
इस पर बैन लगाने से संबंधित इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट अध्यादेश 2019 को 18 सितंबर को लागू कर दिया गया था. इसके अनुसार उत्पादों के उत्पादन, ब्रिकी और खरीद पर बैन लगाया गया था. अध्यादेश के अनुभाग 4 और 5 में ई-सिगरेट को बैन करने का प्रावधान किया गया है. वहीं इसके उल्लंघन से संबंधित सजा का प्रावधान अनुभाग 7 और 8 में मौजूद हैं.
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